रास उल्लास की यह रात बहुत खास साबित हुई क्योंकि इसमें राज्यपाल पटेल ने देवी की आरती कर नन्हीं बालिका के साथ डांडिया भी किया।
मंगलवार रात आरती के बाद जैसे ही गरबे की धुन शुरू हुई, सफेद और बैंगनी परिधानों में सजे प्रतिभागियों ने पूरे जोश से नृत्य आरंभ कर दिया, जिससे पूरा पंडाल भक्ति और उल्लास से गूंज उठा।
मां की भक्ति से ओतप्रोत गरबा न केवल धार्मिक भावना का प्रतीक था, बल्कि संस्कृति और परंपरा का जीवंत उदाहरण भी पेश कर रहा था। सभी प्रतिभागियों की एकता और उत्साह ने माहौल को बेहद जीवंत बना दिया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल की उपस्थिति में 38 बच्चों ने विशेष प्रस्तुति दी जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गरबा प्रतिभागियों क संबोधित करते हुए कहा कि नवरात्रि के नौ दिन देवी शक्ति की विजय का प्रतीक हैं।
जिस प्रकार दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण जैसे राक्षस का अंत किया, उसी प्रकार हमें समाज में फैले प्रदूषणों को समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
इन नौ दिनों के दौरान हम माताजी की आराधना करते हैं और समाज में मौजूद बुराइयों को मिटाने का संकल्प लेते हैं।
आजकल समाज में कई बुराई हैं, चाहे वह नशे की लत हो या शरीर को हानि पहुंचाने वाली आदतें। बच्चों को अच्छे संस्कार देने की जरूरत है ताकि वे सही मार्ग पर आगे बढ़ सकें।
बेस्ट गरबा पुरुष
प्रथम - मनन पारेख
द्वितीय - उज्ज्वल यादव
बेस्ट गरबा महिला
प्रथम - सलोनी मोहता
द्वितीय - भाविका मेहता
बेस्ट गरबा कपल
कुंजल मेहता - कीर्ति मेहता
बेस्ट गरबा पुरुष ड्रेस
प्रथम - जय पांचाल
द्वितीय - प्रेम शर्मा
बेस्ट गरबा ड्रेस महिला
प्रथम - साक्षी पारीख
द्वितीय - वैष्णवी पाटीदार
बेस्ट किड्स बालक - भव्य वर्मा
बेस्ट किड्स बालिका - प्रिशा पारेख, आर्वी पेथानकर