भोपाल । मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व और पचमढ़ी अभयारण्य में भी टाइगर सफारी बनाने का प्रस्ताव है, जो राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और राष्ट्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण (सीजेडए) की मंजूरी के लिए दिल्ली भेजा गया है। मंजूरी के बाद पर्यटक टाइगर सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे। वहीं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सफारी के लिए एनटीसीए और सीजेडए ने सफारी तैयार करने की अनुमति दे दी है। वन विभाग फिलहाल राशि के इंतजाम में जुटा है। संभावना जताई जा रही है कि अगले साल की पहली तिमाही में सफारी का काम शुरू हो जाएगा।
प्रदेश के कान्हा, बांधवगढ़, पेंच और पन्ना पार्क देश ही नहीं, दुनिया के कई देशों में अपनी पहचान बना चुके हैं। यही कारण है कि पर्यटक इन पार्कों में आना पसंद करते हैं, पर पार्कों में सीमित संख्या में ही प्रवेश दिया जाता है। ऐसे में कई पर्यटकों को निराश होना पड़ता है। इस समस्या का हल टाइगर सफारी के रूप में निकाला जा रहा है। फिर जिन पर्यटकों को पार्क में प्रवेश नहीं मिल पाएगा, उन्हें सफारी की सैर करा दी जाएगी। जिसमें बाघ दिखाई देने की गारंटी रहेगी। सफारी पार्क के बफर क्षेत्र में 50 हेक्टेयर में तैयार होगी। इस क्षेत्र को चैनलिंग जाली से घेरा जाएगा और उसमें तीन से चार बाघ छोड़े जाएंगे। उनके खाने के लिए कुछ चीतल, हिरण, सांभर, नीलगाय, चिंकारा आदि वन्यजीव भी होंगे। इसमें पर्यटकों को चारों ओर से जाली से बंद गाड़ी में सवार कर सैर कराई जाएगी।
सफारी के निर्माण पर खर्च होंगे करीब 20 करोड़
सफारी के निर्माण पर करीब 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह राशि पार्क की विकास निधि (पर्यटकों से लिए गए शुल्क) और सीएसआर (कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड) से इकठ्ठी की जाएगी। सीएसआर फंड के लिए विभाग के आला अधिकारी कोल इंडिया लिमिटेड से संपर्क में हैं। उम्मीद की जा रही है कि वहां से करीब पांच करोड़ रुपये मिल जाएंगे और विकास निधि से दो से ढाई करोड़ रुपये। शेष राशि अन्य स्रोतों से जुटाई जाएगी।