शक्तिमान यानी मुकेश खन्ना ने कंगना रनोट के भीख में मिली आजादी के कमेंट पर अपनी राय रखी है। उन्होंने एक पोस्ट के जरिए कहा है कि-मेरे हिसाब से ये स्टेटमेंट बचकाना था।
हास्यास्पद था। चापलूसी से प्रेरित था। अज्ञानता दर्शाता था, या पद्म अवार्ड का साइड इफैक्ट था। मैं नहीं जानता। पर सब ये जानते हैं और मानते भी हैं कि हमारा देश आज़ाद 1947 की 15 अगस्त को ही हुआ था। इसको अलग जामा पहनाने की कोशिश करना भी किसी के लिए मूर्खता से कम नहीं होगा।
" उन्होंने आगे लिखा- "हकीकत ये है कि अंग्रेज़ी हुकूमत के मन में अगर किसी ने भागने का ख़ौफ़ पैदा किया तो वो था देश के असंख्य क्रांतिकारियों का बलिदान, सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज का डर और अपने ही सैनिकों की बग़ावत।"