मुंबई । बालीवुड एक्ट्रेस नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने 1999 में फिल्मों में छोटे-मोटे किरदारों से ऐक्टिंग करियर शुरू किया था। ऐसी ही एक फिल्म थी 'शूल' , जिसमें रवीना टंडन और मनोज बाजपेयी लीड रोल में थे। इस फिल्म में नवाजुद्दीन का बहुत ही छोटा सा किरदार था। पर इतना भी छोटा नहीं कि उन्हें उसके लिए पैसे ही न मिलें।
1999 में आई 'शूल' को लेकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने हाल ही दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें आज तक इस फिल्म के लिए पैसे नहीं मिले हैं। शूल में नवाजुद्दीन ने एक वेटर का किरदार निभाया था। नवाजुद्दीन ने बताया कि मेकर्स ने उन्हें इस फिल्म में वेटर के रोल के लिए 2,500 रुपये देने का वादा किया था। पर वह वादा, वादा ही रह गया और पैसे नहीं मिले।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने 1999 में फिल्म 'सरफरोश' में एक छोटे से रोल से शुरुआत की थी। आमिर खान स्टारर इस फिल्म में वह एक मुखबिर के रोल में दिखे। इसके बाद उन्होंने 'शूल', 'जंगल', 'द बायपास', 'मुद्दा', 'मुन्नाभाई:एमबीबीएस', 'मनोरमा:सिक्स फीट अंडर' जैसी कई फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार किए। किसी फिल्म में वह लोकल गुंडा बनते तो किसी में वेटर या चोर बनते। नवाजुद्दीन थिएटर के कलाकार थे, लेकिन इंडस्ट्री में उनके 12-13 साल इसी तरह स्ट्रगल करते और छोटे रोल की चादर में ही बीते। नवाजुद्दीन सिद्दीकी की किस्मत 2012 में उस वक्त खुली जब उन्हें विद्या बालन स्टारर फिल्म 'कहानी' में मौका मिला। इस फिल्म में निभाए आईबी अफसर के किरदार में उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी।
फिर 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' ने नवाजुद्दीन के करियर को नई उड़ान दी। वह एक के बाद एक कई फिल्मों में बड़े और दमदार रोल में नजर आने लगे। भले ही नवाजुद्दीन सिद्दीकी आज बॉलिवुड के बड़े स्टार्स में शुमार हैं और मुंबई में अपना आलीशान बंगला भी बना लिया है, लेकिन वह 12-13 साल के स्ट्रगल को नहीं भूले हैं।
वह नहीं भूले हैं कि किस तरह पेट पालने के लिए उन्होंने नुक्कड़-नुक्कड़ के चक्कर लगाए। बहुत सी ऐसी फिल्में रहीं, जिनके लिए उन्हें आज तक बकाया पैसे भी नहीं मिले। उन्हीं में से एक फिल्म 'शूल' का किस्सा
नवाजुद्दीन ने बताया कि किस तरह मेकर्स ने उन्हें ढाई हजार रुपये फीस के तौर पर देने का वादा किया और फिर मुकर गए। ऐक्टर ने बताया, 'मैंने कुछ फिल्मों में छोटे-छोटे रोल किए। मैं लोगों को उनके बारे में बताता भी नहीं हूं। लेकिन मैंने उस फेज में रहा हूं। मुझे पैसों की जरूरत थी।
गुजारे के लिए वही जरिया था। मैंने 'शूल' में वेटर का रोल प्ले किया। फिल्म में मनोज बाजपेयी और रवीना टंडन से ऑर्डर लेता हूं। मेकर्स ने कहा कि वो मुझे 2,500 रुपये देंगे, लेकिन वो मुझे कभी नहीं मिले। ऐसा कई बार हुआ, पर मुझे यह वाला अच्छी तरह याद है।' नवाजुद्दीन ने आगे कहा, 'मैंने 6-7 महीने तक ऑफिस के चक्कर काटे, सिर्फ ढाई हजार रुपयों के लिए। वो नहीं मिले, लेकिन खाना मिल जाता था।
मैंने फिर क्या किया बाद में। मैंने चालाकी क्या की मैं खाने के टाइम में पहुंचता था उनके ऑफिस में। तो वो मेरी हालत को देखकर बोले कि खाना खाएगा? मैंने कहा कि हां। तो फिर उन्होंने कहा कि पैसे तो नहीं मिलेंगे पर खाना खा ले आजा तू।
मैंने कहा कि चल ठीक है। तो इस तरह मैंने एक-डेढ़ महीने तक खाया। इस तरह मेरे पैसे बराबर हो गए।' बता दें कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी की गिनती आज बॉलिवुड के दमदार ऐक्टर्स में होती है। लेकिन आज वह जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचने में उन्हें कई साल लग गए। बडी मेहनत के बाद आज वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं।