भोपाल/इन्दौर । केन-बेतवा राष्ट्रीय लिंक परियोजना की केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूरी पर जल संसाधन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट ने गुरूवार को वल्लभ भवन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर आभार व्यक्त किया और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया।
मंत्री सिलावट ने मछली उत्पादन में देश में बालाघाट जिले के प्रथम आने की जानकारी दी। इस दौरान विभाग के अपर मुख्य सचिव एस.एन. मिश्रा, मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक पुरुषोत्तम धीमान एवं मत्स्य संचालक भरत सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पुष्प गुच्छा भेंट कर अभिनंदन किया। जल संसाधन मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप इस परियोजना को पूर्ण कर प्रदेश के किसानों के खेतों की प्यास बुझाने के साथ बुंदेलखण्ड के नवनिर्माण के स्वप्न को साकार करना है। इस दौरान सिलावट ने केन्द्र सरकार का भी आभार व्यक्त किया।
:: केन-बेतवा परियोजना अटलजी की सोच का परिणाम ::
यह परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के सपनों की परिकल्पना है, जो वर्ष 2005 से अटकी हुई थी। जिसे अब स्वीकृति मिल गई है, जल्द ही इस योजना पर काम शुरू होगा। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा स्वीकृति दी गई है, इसके लिए प्रयासरत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रयास अहम रहा है। जल संसाधन मंत्री ने बताया कि मोदी कैबिनेट में मंजूरी के बाद जल्द ही इसकी शुरुआत की जाएगी। उन्होंने संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि दिसंबर में प्रधानमंत्री जी इस योजना की शुरूआत कर सकते हैं।
:: बुंदेलखंड की बदलेगी तस्वीर ::
मंत्री सिलावट ने कहा कि इस परियोजना की शुरुआत होने पर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सूखे बुंदेलखंड में पानी की कमी दूर हो जाएगी और केन का पानी मध्य प्रदेश को मिल सकेगा। यह परियोजना की बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने में अहम साबित होगी।
:: क्या है पूरी परियोजना ::
सिलावट ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8 दिसंबर को केन-बेतवा नदी को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। इस प्रोजेक्ट में 44,605 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। खास बात यह है कि इसका 90 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। इसके तहत 176 किलोमीटर की लिंक कैनाल का निर्माण किया जाएगा, जिससे दोनों नदियों को जोड़ा जा सकेगा। प्रोजेक्ट के अस्तित्व में आने के बाद मध्य प्रदेश के सागर-विदिशा सहित 12 जिलों को पानी मिलेगा। इसके साथ ही 10 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी। उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट 8 साल में पूरा कर लिया जाएगा।
केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से नॉन मानसून सीजन (नवंबर से अप्रैल के बीच) में मध्यप्रदेश को 1834 मिलियन क्यूबिक मीटर व उत्तर प्रदेश को 750 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। इस योजना से सागर-विदिशा समेत मध्य प्रदेश के 8 जिलों को पानी पहुंचाना है।
:: बेतवा की सहायक नदियों पर बनेंगे बांध ::
प्रोजेक्ट के पहले फेज में केन नदी पर ढोड़न गांव के पास बांध बनाकर पानी रोका जाएगा। यह पानी नहर के जरिया बेतवा नदी तक पहुंचाया जाएगा। वहीं, दूसरे फेज में बेतवा नदी पर विदिशा जिले में 4 बांध बनाए जाएंगे। इसके साथ ही बेतवा की सहायक बीना नदी जिला सागर और उर नदी जिला शिवपुरी पर भी बांधों का निर्माण किया जाएगा।
प्रोजेक्ट के दोनों फेज से सालाना करीब 10.62 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही, 62 लाख लोगों को पीने के पानी के साथ 103 मेगावॉट हाइड्रो पावर भी पैदा किया जाएगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना में दो बिजली प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 72 मेगावॉट है।