मुम्बई। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अगले महीने से छह सप्ताह के एक अभ्याय शिविर का आयोजन करने जा रहा है। इस शिविर में पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का बुलाया जाएगा या नहीं इस पर अटकलें लगनी शुरु हो गयी हैं। चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष एमएसके प्रसाद उन्हें बुलाया जाने के पक्ष में हैं, वहीं चयन से जुड़े कुछ लोगों का मानना है कि धोनी एक साल से अधिक समय से खेल से दूर हैं ऐसे में उनको शामिल किया जाना सही नहीं रहेगा।
प्रसाद ने कहा कि धोनी की मौजूदगी से शिविर में विकेटकीपरों को काफी फायदा होगा। पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को लगता है कि अगर धोनी स्वयं खेलना चाहेंगे तो उन्हें टीम में होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं राष्ट्रीय चयनकर्ता होता, तो धोनी मेरी टीम में होते पर सवाल यह है कि वह खेलना चाहते हैं या नहीं। आखिर में यह मायने रखता है कि धोनी क्या चाहते है।’ दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह शिविर में युवा खिलाड़ियों शामिल किये जाने के पक्ष में है। उन्होंने कहा, ‘मैं उस शिविर में सूर्यकुमार यादव सहित युवा खिलाड़ियों को देखना चाहूंगा जिसमें अंडर -19 टीम के लेग स्पिनर रवि बिश्नोई और यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ी होने चाहिये। उन्हें सीनियर खिलाड़ियों के साथ बात करने का मौका मिलना चाहिए। टी-20 टीम के लिए सूर्यकुमार यादव से बडा अधिकारी कोई नहीं है।’
पूर्व विकेटकीपर और विश्लेषक दीप दासगुप्ता के अनुसार चयनकर्ताओं को इस बारे में धोनी के साथ बातचीत करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘शिविर सप्ताह तक चलेगा और अगर धोनी इसका हिस्सा होंगे तो दूसरे विकेटकीपरों को उनसे सीखने का भी अवसर मिलेगा। अगर वह शिविर का हिस्सा नहीं होंगे तब भी मैं उनकी दावेदारी को खारिज नहीं किया जा सकता। ।’