नई दिल्ली: जीवन में सफल होने और नतीजे प्राप्त करने के लिए, आपको तीन शक्तिशाली शक्तियों - इच्छा, विश्वास और अपेक्षा को समझना और महारत हासिल करना होगा। यह प्रसिद्ध कोट भारत के 11वें राष्ट्रपति, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने कही थी। आज 15 अक्टूबर है और आज ही के दिन भारत के इस महान वैज्ञानिक ने देश की धरती पर जन्म लिया था। अब्दुल कलाम का भारत और उससे आगे की युवा पीढ़ी को लेकर उनका प्यार और विश्वास किसी से छिपा नहीं है। हर साल 15 अक्टूबर को देश और दुनिया भर में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में 'विश्व छात्र दिवस' भी मनाया जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र था जिसने डॉ. कलाम के जन्मदिन 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाने के लिए मंजूरी दी।छात्रों के उत्थान के लिए लगा दिया पूरा जीवन
लोकप्रिय राष्ट्रपति के रूप में जाने जाने वाले डॉ. कलाम ने अपना अधिकांश जीवन युवा छात्रों को प्रेरित करने और मार्गदर्शन करने के लिए समर्पित कर दिया, और शिक्षण और सीखने के लिए उनके जुनून ने भारत और उससे आगे पर गहरा प्रभाव छोड़ा। वह अपनी विनम्रता, युवा पीढ़ी की क्षमता में विश्वास और विज्ञान और शिक्षा को राष्ट्रीय विकास के मार्ग के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए जाने जाते थे।
हमेशा रही सीखने की ललक
डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम के पंबन द्वीप पर एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। पंबन द्वीप तब मद्रास प्रेसीडेंसी में था और अब तमिलनाडु में है। हालांकि डॉ. कलाम के स्कूल के वर्षों में औसत ग्रेड थे, वे हमेशा एक उज्ज्वल और मेहनती छात्र थे, जिनमें सीखने की तीव्र इच्छा थी। उन्होंने अपना अधिकांश समय पढ़ाई, विशेषकर गणित पर बिताया।
डॉ. कलाम को अपने जीवनकाल के दौरान कई पुरस्कार मिले, जिनमें 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ अपने अनुसंधान, विज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत रत्न शामिल है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक और शिक्षक का 2015 में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), शिलांग में एक भाषण देते समय कार्डियक अरेस्ट के बाद निधन हो गया था।
पीएम मोदी ने भी किया याद
एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी याद किया। पीएम मोदी ने कलाम का एक वीडियो पोस्ट कर लिखा कि सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उनका विजन और चिंतन विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में देश के बहुत काम आने वाला है।