बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के 'तख्तापलट' के बाद हिंदुओं के लिए पैदा हुए भयावह हालात का जिक्र करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने भारत के हिंदुओं को एक होने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के जिन हिंदुओं का घर जला है, वे भारत के हिंदुओं से पूछ रहे हैं कि तुमने तैयारी की कुछ या तुम भी ऐसे ही जलवाकर जाओगे।
धीरेंद्र शास्त्री हिंदुओं के बंटे होने का जिक्र करते हुए एकता की वकालत कर रहे थे तभी एंकर ने पूछा कि ऐसे ही बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ क्या हो रहा था, उससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ा। इसका जिक्र होते ही धीरेंद्र शास्त्री बांग्लादेश का उदाहरण दे हिंदुओं को चेताते हुए धाराप्रवाह बोलने लगे। बागेश्वर बाबा ने कहा, 'हम एक दिन विचार कर रहे थे, बांग्लादेश पर कि अगर हमारी बहन बेटी को हमारे ही सामने कोई उठाकर ले जाए तो कैसा लगेगा, जरा विचार करना। सालों-साल तक जिस देश में रहकरके बिजनस कर करके एक-एक पाई जोड़कर मकान बनाया, दुकान बनाई और 20 लोग आकर लूटकर ले जाएं, तब सच-सच बताना यार कैसा लगेगा? तुम्हारी ही बेटी जिसे फूल की तरह तुमने पाला-पोसा, एकदम सुकुमार सी बिटिया और उस पर निर्दयी राक्षस हवस की भूख में बर्बरता से रेप करे, सच-सच बताना यार, कैसा लगेगा?'
बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे जुल्म और उनकी बेबसी का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा, 'जिस इज्जत को बचाने के लिए तुम्हारे पूर्वजों ने आन-बान-शान को रख दिया, प्राण त्याग दिए, रामायण के लिए, राम के लिए, गीता के लिए, कृष्ण के लिए..वही देवी के मंदिर में तुम्हारी देवी के मंदिर को तोड़कर फेंक आया है, सच-सच बताना यार, कैसा लगेगा? जिस देश में तुम रहते हो, उसी देश में तुम्हें अल्पसंख्यक देश छोड़ो ऐसा चिल्ला जाए जबकि तुम्हारे पूर्वजों ने उस देश को आजाद कराने के लिए, बांग्लादेश के लिए तुम्हारे पूर्वजों ने भी कुर्बानी दी और देश के साथ खड़े रहे और तुम्हें उसी देश में गाली देकरके कहा जाए कि देश छोड़ो, बांग्लादेश छोड़ो, हिंदुओं देश छोड़ो जबकि वहां पर तुम्हारे दादा की यादें, दादी की यादें, नाना की यादें, पिता की यादें, वो दरवाजे, वो आंगन, वो घर, वो चौखट, वो ईमली का पेड़, वो आम का पेड़, वो नीम का पेड़...सच-सच बताना यार, कैसा लगेगा? तुम्हारे घर को जलाया जाए, तुम्हारे सपनों की संपत्ति को जलाकर खाक किया जाए, सच-सच बताना यार, कैसा लगेगा?'
धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, उससे भारत के हिंदुओं को सबक सीखने की नसीहत भी दी, साथ में हिंदुओं के बंटे होने पर निराशा भी जाहिर की। उन्होंने कहा, 'पर इस भारत का दुर्भाग्य है कि ऐसा न वो सोच पा रहा है भारत का हिंदू और न ही वो जग पा रहा है। हम अकेले क्या कर लेंगे? एक दिन आएगा वो हमको भी खत्म कर देंगे। किसी षडयंत्र में फंसा देंगे। देख लेना वो किसी केस में फंसाएंगे। ठीक है, आज तो हम हैं, मान लो हम जिंदा भी रहे लेकिन तुम नहीं जागे तो सच-सच बताना यार, हम अकेले क्या करेंगे। पर ये दुर्भाग्य है इस देश का कि हिंदुओं के सामने हमने कितनी वंशी बजाई, अब भी वो घर से बाहर नहीं निकल रहे। अब भी हिंदू एकता यात्रा की कोई चर्चा नहीं कर रहा...तुमसे तुम्हारा जमीर और तुम्हारे पूर्वज, नन्हीं सी बेटी एक दिन जरूर पूछेगी कि देश के लिए आपने क्या किया?...बांग्लादेश के जिन हिंदुओं का घर जला है, वे भारत के हिंदुओं से पूछ रहे हैं कि तुमने तैयारी की कुछ या तुम भी ऐसे ही जलवाकर जाओगे। हिंदू का मतलब है सबका सम्मान करे।'