कोरबा खनन प्रभावित गांवों पुरैना, बांकी बस्ती व मड़वाढोढा में पाइप लाइनों के जरिये पेयजल आपूर्ति बहाल करने की दिशा में एसईसीएल ने 90 किलोवाट का सबमर्सिबल पंप लगाकर टेस्टिंग की है, जो सफल रहा। एसईसीएल छूराकछार के सब एरिया मैनेजर पी. मावावाला की पहल कदमी पर हुई इस सफल टेस्टिंग के बाद जल्द ही दूसरा मोटर भी लगाया जाएगा। इससे इन गांवों में पेयजल और निस्तारी की समस्या पूरी तरह हल हो जाएगी।
एसईसीएल द्वारा जल आपूर्ति रोके जाने से परेशान सैकड़ों ग्रामीणों ने विगत दिनों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पार्षद राजकुमारी कंवर और जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में एसईसीएल के छूराकछार गेट को दो घंटे तक जाम कर दिया था, जिसके बाद एसईसीएल प्रबंधन को मजबूर होकर प्रभावित गांवों में जल आपूर्ति पूर्ववत बहाल करने और तब तक टैंकरों से वैकल्पिक व्यवस्था करने का लिखित आश्वासन देना पड़ा था। इस आंदोलन के बाद अभी तक टैंकरों के माध्यम से पेयजल घर-घर पहुचाने की व्यवस्था एसईसीएल कर रही है, लेकिन ग्रामीणों के अनुसार वह नितांत अपर्याप्त है।
माकपा नेता श्री झा ने बताया कि पाईप लाईन से पुरैना और बांकी बस्ती के कुछ हिस्सों में पानी चालू करके चेक किया गया, जो सफल रहा। लेकिन महीनों से पानी बंद होने के कारण पानी गंदा आ रहा है, जिसके संबंध में अधिकारियों ने कहा है कि एक सप्ताह में स्वच्छ जल आपूर्ति पूर्व की तरह पाईप लाईन के माध्यम से बहाल हो जाएगी।
माकपा ने पुनः मांग की है कि पुरैना, बांकी बस्ती, मड़वाढोंढा में, जहां जल भराव ज्यादा है, वहां बोर होल पम्प लगाकर किसानों को खेती की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाए तथा आसपास के तालाबों को भरने की व्यवस्था भी की जाए। एसईसीएल द्वारा किये जा रहे इस कार्य को माकपा ने आम जनता के संघर्ष की जीत बताया है।