नरीमन ईरानी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने प्रोड्यूसर थे। अमिताभ बच्चन की फेमस फिल्म डॉन को प्रोड्यूसर नरीमन ईरानी ने अपना लाखों रुपये का कर्ज उतारने के लिए बनाई थी। फिल्म पूरी होती इससे पहले ही उनका एक एक्सीडेंट में निधन हो गया था। हालांकि, फिल्म की शूटिंग रुकी नहीं और पूरी की गई।
दरअसल, नरीमन ईरानी ने जिंदगी-जिंदगी नाम की एक फिल्म बनाई थी, जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई थी। इसी फिल्म के चलते उनके ऊपर लाखों का कर्जा हो गया था।
अमिताभ बच्चन-जीनत अमान और डायरेक्टर चंदर बरोट से नरीमन की मुलाकात फिल्म रोटी कपड़ा और मकान के दौरान हुई थी। इस फिल्म में नरीमन बतौर सिनेमैटोग्राफर काम कर रहे थे।
इस फिल्म के एक्टर्स और डायरेक्टर का नरीमन ईरानी से अच्छा संबंध था। वो सभी जानते थे कि प्रोड्यूसर काफी कर्जे में हैं। अच्छे रिश्ते के चलते इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, जीनत अमान और फिल्म के डायरेक्टर चंदर ने इस फिल्म के लिए किसी तरह की फीस नहीं ली थी।
अमिताभ बच्चन-जीनत अमान और डायरेक्टर चंदर का कहना था कि जब फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन करेगी, तो ही हम पैसे लेंगे।
कोई नहीं खरीदना चाहता था डॉन की स्क्रिप्ट
चंदर बरोट और नरीमन ईरानी से पहले कोई भी सलीम-जावेद से डॉन की स्क्रिप्ट खरीदने को तैयार नहीं था। देव आनंद, प्रकाश मेहरा और जीतेंद्र ने इसे रिजेक्ट कर दिया था। उस समय तक स्क्रिप्ट को कोई टाइटल भी नहीं दिया गया था। डॉन स्क्रिप्ट का महज एक किरदार था। जब नरीमन ईरानी ने सलीम खान को अप्रोच किया तो उन्होंने कहा- 'हमारे पास एक ब्रेकफास्ट स्क्रिप्ट पड़ी है, जो कोई नहीं ले रहा है।' इस पर ईरानी ने कहा, 'चलेगा'। इस तरह डॉन फ्लोर तक पहुंची।
मनोज कुमार ने दी थी सलाह
फिल्म शुरू करने से पहले नरीमन ने मनोज कुमार को फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाई थी। कहानी सुनने के बाद मनोज कुमार ने उन्हें कुछ सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि फिल्म एक्शन से भरपूर है, इसलिए सेकंड हाफ के बाद एक गाना डाल दो। मनोज कुमार की बात मानकर नरीमन म्यूजिक कंपोजर कल्याण जी आनंद के पास गए। जब उन्होंने म्यूजिक कंपोजर को पूरी बात बताई तो इसके बाद ही फिल्म का फेमस गाना खइके पान बनारस वाला बनाया गया।
अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन की कहानी को सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखा था। इसके डायरेक्टर चंदर थे। डॉन की शूटिंग पूरी होने से पहले ही नरीमन ईरानी का निधन हो गया था। कमालिस्तान स्टूडियो में हुई दुर्घटना में प्रोड्यूसर की जान चली गई थी, लेकिन फिल्म की शूटिंग नहीं रोकी गई। ईरानी की पत्नी सलमा और फिल्म की बाकी टीम ने इस फिल्म को पूरा करने में अपनी जी-जान लगा दी थी।
रिपोर्ट्स की मानें तो डॉन की रिलीज के बाद किसी तरह की पब्लिसिटी या प्रमोशन नहीं किया गया था। ये साल 1978 की तीसरी सबसे बड़ी हिट फिल्म साबित हुई थी।