रायपुर। नगर में पहली बार शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु की भव्यतम भावयात्रा निकाली गई। बैंड-बाजे,घोड़े,सुसज्जित बग्गी के साथ भक्तिमय वातावरण में रविवार सुबह विवेकानंद नगर स्थित लाभार्थी संघपति के निवास स्थान से भावयात्रा का शुभारंभ हुआ। चतुर्विद संघ के परम सानिध्य में भावयात्रा टैगोर नगर होते हुए शंखेश्वर तीर्थ मंडपम विवेकानंद नगर पहुंची। शंखेश्वर तीर्थ मंडपम में शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमाओं को विराजित किया गया।
लाभार्थी परिवार अगल-अगल बग्गी में,अपने हाथों में शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु को विराजमान कर सवार होकर भावयात्रा में निकले। शंखेश्वर
तीर्थ मंडपम पहुंचने पर भक्तिमय वातावरण में आषाढी श्रावक परिवार,कृष्ण वासुदेव परिवार और संघपति परिवार का अभिनंदन किया गया। तीनों लाभार्थी परिवार प्रभु की भक्ति में झूमते हुए तीर्थ मंडपम पहुंचे और प्रतिमाओं को विराजित कर परमात्मा के सम्मुख भाव पूर्वक भक्ति की। शंखेश्वर मंडपम में भव्य शंखेश्वर तीर्थं का निर्माण किया गया था,जहां साक्षात गुजरात में स्थित शंखेश्वर तीर्थ के दर्शन हुए।
ओजस्वी प्रवचनकार मुनिश्री तीर्थप्रेम विजयजी ने शंखेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ की महिमा और शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु की महिमा के बारे में उपस्थित श्रावक- श्राविकाओं को बताया। साथ ही नाट्य मंचन के रूप में शंखेश्वर तीर्थ की कथा व शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु की महिमा को बताया गया। 13 अगस्त सावन सुदी आठम को 23वें तीर्थंकर शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु के निर्वाण के 2800 वर्ष पूर्ण होंगे। इसके उपलक्ष्य में 11 अगस्त रविवार को शंखेश्वर भावयात्रा का आयोजन हुआ। सभी भक्ति भाव से एक जगह उपस्थित होकर शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान की भक्ति में शामिल हुए। अहमदाबाद के मोक्षित भाई एंड ग्रुप ने संगीतमय प्रस्तुति दी।