नई दिल्ली: आए दिन विभिन्न भारतीय एयरलाइंस की फ्लाइटों को टारगेट कर इन्हें बम से उड़ाने की धमकी देने वाले मामले में इस साल अभी तक 400 से अधिक धमकियां मिल चुकी हैं। जो की ऑल टाइम रिकॉर्ड बन गया है। गनीमत है कि सभी हॉक्स रहीं। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि इससे पहले कभी भी एक साल में इतने अधिक धमकी भरे कॉल और मैसेज नहीं मिले। जितने इस साल 17 अक्टूबर तक मिल चुके हैं। जबकि अभी तो साल पूरा होने में करीब ढाई महीना बाकी बचा है।कई प्लेटफॉर्म से मिल रही धमकियां
डिजिटल युग में अधिकतर धमकियां ई-मेल, ट्विटर या सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म के माध्यम से मिल रही हैं। मामले की गंभीरता को समझते हुए इसकी जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए भी जुट गई है। ताकि एक तरह से 'फ्लाइट टेरर' फैलाने वाले इस मामले की तह तक जाकर जांच की जा सके कि कहीं इसमें किसी आतंकवादी संगठन या अन्य विदेशी ताकतों का तो हाथ नहीं। वैसे, एनआईए का कहना है कि उनकी तरफ से अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, लेकिन एजेंसी अपने स्तर पर भी इसकी जांच कर रही है।
धमकी देने के पीछे कौन?
सुरक्षा एजेंसियों ने अभी तक इस बात का कोई खुलासा नहीं किया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से फ्लाइटों को बम से उड़ाने की जो धमकियां मिल रही हैं, उसमें विदेश से ऑपरेट किए जा रहे किसी आतंकवादी संगठन या अन्य का हाथ है। लेकिन मामले में जिस तरह से आए दिन भारतीय एयरलाइंस को ही टारगेट कर धमकियां दी जा रही हैं, उससे एजेंसियां इस बात से इंकार भी नहीं कर रही हैं। एजेंसियों का कहना है कि फिलहाल इस बारे में हमारी तरह से पाकिस्तान या अन्य किसी देश से ऑपरेट किए जा रहे किसी संगठन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। हर एंगल को ध्यान में रखते हुए तफ्तीश की जा रही है। इसी के बाद पुख्ता तौर पर किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।
इस साल ज्यादा आए ऐसे मामले
मामले में सिक्योरिटी एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि पिछले फ्लाइटों को बम से उड़ाने वाली धमकियां पिछले साल भी खूब मिली थी, लेकिन धमकी वाला यह आंकड़ा इस साल अभी तक मिली धमकियां से काफी कम रहा था। इस साल 17 अक्टूबर तक ही यह आंकड़ा 400 को पार कर गया है। इसमें भी अभी तक जून में सबसे अधिक करीब 100 धमकियां मिली थी, जबकि इसके बाद अभी तक दूसरे नंबर पर अक्टूबर का महीना चल रहा है। जिसमें अभी तक तकरीबन 94 धमकियां मिल चुकी हैं। जबकि महीना पूरा होने में अभी 14 दिन बाकी बचे हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को केंद्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापू राममोहन नायडू ने भी एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। मंत्रालय के सचिव वुमलुनमंग वुअल्नम भी संसद की स्थायी समिति के सामने पेश हुए थे। साथ ही ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) लगातार इस मामले को लेकर बैठकें कर रही है कि आखिर इसका समाधान कैसे निकाला जाए।