भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस विधायकों ने पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाकर हंगामा किया। पांचवें दिन भी प्रश्नकाल बाधित हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। विधानसभा के इस सत्र में अनुपूरक बजट के साथ-साथ निजी व सरकारी संपत्ति को धरना-प्रदर्शनों, दंगों से होने वाले नुकसान की वसूली विधेयक को पास करना ही महत्वपूर्ण उपलब्धि रहा।
विधानसभा के शीत सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने अनुपूरक बजट में आदिवासियों के लिए सिर्फ 400 रुपये का प्रावधान करने का मुद्दा उठाया। इसे लेकर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया। जब कार्यवाही स्थगित हो गई तो कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और पीसी शर्मा ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने हमीदिया कांड में नवजात शिशुओं की मौत के मामले में लीपापोती कर रही है। सरकार के दो मंत्रियों के बयान में अंतर देखने को मिला है। आदिवासियों के लिए अनुपूरक बजट में राशि कम रखी गई। इससे पहले भी जब हंगामा होता था तो विधानसभा 5-10 मिनट के लिए स्थगित होती थी। आज तो पूरा प्रश्नकाल ही स्थगित कर दिया गया। हम विधानसभा अध्यक्ष के सामने यह मुद्दे उठा रहे हैं।
उधर, सरकार के प्रवक्ता और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया कि प्रश्नकाल विपक्ष के हथियार की तरह होता है। विपक्ष जनहित के मुद्दे उठा सकता है। पिछले सत्रों से साफ है कि विपक्ष प्रश्नकाल को बाधित करता है। इसे हल्ला काल बनाना चाहता है। शून्य काल में उठ सकने वाले विषयों को भी प्रश्नकाल में ही उठाता है। एक भी सत्र ऐसा नहीं है जब विपक्ष ने प्रश्नकाल को बाधित किया हो। आज कोई विषय नहीं था, फिर भी प्रश्नकाल नहीं चलने दिया।