कोरबा राज्य शासन द्वारा चलाए जा रहे नरवा योजना अंतर्गत कोरबा जिले में स्थित पुराने नालों का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा हैं। नरवा उपचार के तहत नालों में आवश्यक निर्माण कार्य कर नालों को संरक्षित किया जा रहा हैं। जिससे नाले के आस-पास भू-जल स्तर में वृद्धि हो रही है।
नरवा उपचार का मुख्य उद्देशय भू-जल स्तर में वृद्धि करना है। नरवा उपचार से खेती किसानी के लिए अतिरिक्त सिचाई सुविधा भी विकसित हो रही है। विकासखण्ड कटघोरा मुख्यालय में 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत अरदा से उद्गम होने वाले आमाझरिया नाला का उपचार किया गया है। नाले के उपचाार से कुल 48 हेक्टेयर कैचमेंट एरिया में वृद्धि हुई। पहले कैचमेंट एरिया 538 हेक्टेयर था। नरवा के उपचार पश्चात् कैचमेंट एरिया 586 हेक्टेयर हो गया है।
पहले आमाझरिया नाला विलुप्त होने की कगार पर था। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजना इस नाले के लिए संजीवनी साबित हुई। आमाझरिया नाला का उद्गम ग्राम अरदा से होकर ग्राम शुक्लाखार तक जाता है। महात्मा गांधी नरेगा योजना से नाले के उपचार हेतु विभिन्न कार्य स्वीकृत किया गया। जिसमें मुख्य रूप से गली प्लग एवं डबरी निर्माण स्वीकृत किया गया। आमाझरिया नाला में गली प्लग के कार्य से विभिन्न स्त्रोतों से नाले में एकत्र होने वाले जल का संचय किया गया।
जिससे भू-जल स्तर में वृद्धि हुई है। साथ ही नाले के पास ही डबरी निर्माण भी किया गया। जिससे वहां पर्याप्त पानी एकत्र हो रहा है। डबरी निर्माण सेे पानी के संचय के साथ-साथ भू-जल स्तर मे भी वृद्धि हुई। पानी की पर्याप्त उपलब्धता होने के कारण आसपास के किसानो द्वारा धान के साथ-साथ गेहूं, सब्जी- बाड़ी का लाभ लिया जा रहा है एवं विभिन्न फसलो द्वारा अतिरिक्त आय भी अर्जित किया जा रहा है।