नई दिल्ली । देश की तीनों सेनाएं अब एक साथ संयुक्त प्रशिक्षण कर सकेंगी। इसकी तैयारी की जा रही है। इससे सेनाओं की क्षमता में इजाफा होगा और परस्पर समन्वय को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। आर्थिक संसाधनों की भी बचत होने की संभावना है। सैन्य मामलों के विभाग की तरफ से इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं तथा दो वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी तैयारी पर लगाया गया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि थियेटर कमान गठन की प्रक्रिया के तहत ही संयुक्त प्रशिक्षण को लेकर भी एक विस्तृत अध्ययन कराया गया है। अब उस पर अमल के लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। थियेटर कमान बनने के बाद तीनों सेनाओं के संयुक्त ऑपरेशन शुरू होंगे जिसके लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण की जरूरत है। यह प्रशिक्षण अफसर और जवान दोनों के लिए होगा। अभी थल सेना और वायुसेना की अपनी-अपनी प्रशिक्षण कमान है। जबकि नौसेना की प्रशिक्षण कमान तो नहीं है लेकिन दक्षिणी नौसेना कमान द्वारा इस कार्य को अंजाम दिया जाता है। तीनों सेनाओं का प्रशिक्षण अलग-अलग है तथा हथियारों, रक्षा उपकरणों के संचालन के मानक भी अलग-अलग हैं। यहां तक कि वायुसेना एवं थल सेना में एक ही प्रकार के विमान के एक जैसी परिस्थितियों में संचालन की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) अलग-अलग है। सूत्रों ने कहा कि भविष्य में तीनों सेनाओं की एक संयुक्त प्रशिक्षण कमान बनाई जा सकती है। हालांकि कुछ जानकार सूत्रों का कहना है कि संयुक्त प्रशिक्षण कमान बनाने का विचार पहले का था। अब इस पर आगे बढ़ने की बजाय थियेटर कमान के भीतर ही संयुक्त प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है।
चार प्रमुख फायदे-
1. तीनों सेनाओं के कामकाज में तालमेल बेहतर होगा
2. संयुक्त ऑपरेशन चलाए जा सकेंगे
3. सेनाओं की क्षमता में इजाफा होगा
4. आर्थिक संसाधनों की बचत होगी