भोपाल । कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रान के डर के कारण नए साल में महाकाल मंदिर के गर्भग्रह में भक्तों को प्रवेश नहीं मिलेगा। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर 30 दिसंबर से तीन जनवरी तक रोक लगा दी गई। नए साल के अंतिम दिन और नए साल में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या को देखते हुए महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति ने यह रोक लगाई है। इस दौरान पुजारी, पुरोहित और मंदिर कर्मचारी ही गर्भगृह में जा पाएंगे। दर्शनार्थियों को नंदीमंडप के पीछे गणेश मंडप से दर्शन होंगे।
वर्ष के अंतिम दिनों में महाकाल मंदिर में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए यह व्यवस्था की गई है। भक्तों को भस्मारती के दर्शन नहीं दिए जा रहे हैं जो अगले आदेश तक सुबह 4 बजे होने हैं। मंदिर प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था में भी बदलाव किया है। अब दर्शनार्थियों को सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।
मंदिर समिति अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह ने राज्य में नाइट कर्फ्यू के चलते भस्मारती और शयन आरती दर्शन पर रोक लगा दी है, मंदिर समिति ने दर्शन का समय सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक निर्धारित किया था, उसमें भी बदलाव किया गया है, सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक ही भक्तों को भगवान महाकाल के दर्शन हो रहे हैं।बता दें कि देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के साथ इसके नए वैरिएंट ओमिक्रान के मरीज बढ़ रहे हैं।
ऐसे में मंदिर में कोविड वैक्सीन लगवा चुके लोगों को ही प्रवेश की व्यवस्था है। महाकाल मंदिर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाया जा रहा है। कोरोना के कारण लगाए गए नाइट कर्फ्यू के कारण ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्मारती और शयन आरती दर्शन पर एक बार फिर रोक लगा दी गई है।