भोपाल: मध्य प्रदेश में फिलहाल बारिश का दौर रुक गया है। मानसून की वापसी के साथ ही अब तेज बारिश का अनुमान नहीं है। हालांकि जबलपुर और शहडोल संभाग के जिलों में कहीं—कहीं हल्की बारिश का सिलसिला चल सकता है। रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सतना में 13 मिलीमीटर और खजुराहो में 0.6 मिली बारिश हुई। बादल छंटने के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में वृद्धि होने लगी है। जहां दिन का तापमान तेज हो गया है, वहीं आधी रात के बाद ठंडक महसूस होने लगी है।रविवार को ग्वालियर में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। भोपाल में 34, गुना में 35, नर्मदा पुरम में 34.3, इंदौर में 32.6, उज्जैन में 34, जबलपुर में 33.8, छिंदवाड़ा में 33.9, सागर में 34.4 रीवा में 34 और पचमढ़ी में 29.2 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज हुआ प्रदेश की अधिकांश जिलों का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के ऊपर ही रहा।
22 जिलों में गरज चमक के साथ बारिश
मौसम विशेषज्ञों ने सोमवार को सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, इंदौर, देवास, ग्वालियर, मुरैना, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं गरज चमक के साथ बौछारें पढ़ने का अनुमान जारी किया है। इसके अलावा खरगोन, बड़वानी, ग्वालियर, मुरैना, सिंगरौली, सीधी, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं वज्रपात और झंझावात की घटनाएं हो सकती हैं।
क्यों हो रही है बारिश
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना है, जबकि झारखंड से लेकर मणिपुर तक एक द्रोणिका बनी है। इन मौसम प्रणालियों के असर से पूर्वी मध्य प्रदेश में बादल छा सकते हैं। पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इसके अतिरिक्त राजस्थान एवं उससे लगे मध्य प्रदेश पर एक प्रति चक्रवात बना हुआ है। इसी के चलते सोमवार को जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। शेष क्षेत्रों में के प्रति चक्रवात के प्रभाव से मौसम अब धीरे-धीरे शुष्क होने लगा है। तीन-चार दिन में पूरे प्रदेश से मानसून की वापसी के आसार नजर आ रहे हैं।