क्या आपको रामसे ब्रदर्स की फिल्म 'तहखाना' याद है? साल 1986 में रिलीज हुई इस फिल्म ने उस वक्त तहलका मचा दिया था। थिएटर्स में भी लोग फिल्म देखने से डरने लगे थे। इस फिल्म में कामरान रिजवी लीड रोल में थे, जिन्होंने विजय नाम का किरदार प्ले किया था। लेकिन कामरान रिजवी की इतने निर्दयी तरीके से हत्या कर दी गई थी कि सबकी रूह कांप उठी थी। 'नवभारत टाइम्स डॉट कॉम' की 'थ्रोबैक थर्सडे' सीरीज में कामरान रिजवी की कहानी बता रहे हैं। वह रिश्ते में तब्बू और फरहा के सौतेले कजन यानी भाई लगते थे।
कामरान रिजवी की 31 मई 1990 को पारिवारिक विवाद के कारण उनके चचेरे भाई ने हत्या कर दी थी। IMDb के मुताबिक, जब कामरान छोटे थे, तो उनके पिता ने उनकी मां को तलाक देकर तब्बू और फरहा की मां की बहन यानी Tabu की मौसी से शादी कर ली थी। इस तरह तब्बू की मौसी कामरान की नई सौतेली मां बन गईं। जहां तब्बू और फरहा उनकी कजन हुईं तो वहीं, शबाना आजमी उनकी बुआ।
शादी करके कनाडा बस गए कामरान के पिता, साली को भी कर दिया था प्रपोज
बताया जाता है कि कामरान के पिता नई पत्नी के साथ कनाडा जाकर बस गए। कामरान रिजवी की सौतेली मां की एक और बहन थी, जो विधवा थी। उसके दो बच्चे थे- एक बेटा और एक बेटी। बेटे का नाम जुल्फिकार और बेटी का नाम यास्मीन था। कामरान के पिता ने नई पत्नी की उस विधवा बहन यानी अपनी साली को भी साथ में कनाडा बुला लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कामरान रिजवी के पिता ने साली के साथ शादी का प्रस्ताव रखा। लेकिन यह बात साली के दोनों बच्चों जुल्फिकार और यास्मीन को नागवार गुजरी। दोनों काफी गुस्से में थे।
कामरान के पिता की तीसरी शादी रोकने की कोशिश
जहां यास्मीन ने नींद की गोलियां खाकर जान देने की कोशिश की, वहीं जुल्फिकार, कामरान के पास गया ताकि उसके पिता की तीसरी शादी को रोक सके। कामरान रिजवी ने यह कहकर इनकार कर दिया कि उनके हाथ में कुछ नहीं है। बस इसी बात पर उनकी बहस हो गई।
चाकू लेकर पहुंचा जुल्फिकार, कामरान को चाकू से गोदा
स्थिति तब बिगड़ गई जब जुल्फिकार की मां कामरान रिजवी के पिता के साथ शादी करके कनाडा से वापस लौटी। जुल्फिकार एयरपोर्ट पर मां को लेने गया और उन्हें उस हॉस्पिटल में छोड़ा, जहां बहन यास्मीन का इलाज चल रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां से जुल्फिकार चाकू लेकर गुस्से में दनदनाते हुए कामरान रिजवी के पास गया। घर के बाहर ही दोनों का तगड़ा झगड़ा हो गया और जुल्फिकार ने कामरान को चाकू से गोदकर मार डाला। बाद में उसने मां और बहन के साथ हैदराबाद भागने की कोशिश की, पर पुलिस ने पकड़ लिया।