इंदौर: महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल (MYH) में सुरक्षा में सेंध की खबर के बाद, प्रशासन ने सोमवार को अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए कई कदम उठाने के आदेश दिए हैं। संभागीय कमिश्नर दीपक सिंह ने MYH और अन्य सरकारी अस्पतालों के CCTV कंट्रोल रूम को पुलिस कंट्रोल रूम से सीधे जोड़ने के निर्देश दिए। साथ ही, अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई और कई और कदम उठाने की बात कही गई।
महिला डॉक्टर ने की थी शिकायत
यह कार्रवाई शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को एक महिला डॉक्टर द्वारा की गई शिकायत के बाद हुई। डॉक्टर ने आरोप लगाया कि एक नशे में धुत व्यक्ति ने जिस कमरे में वह आराम कर रही थीं, उसके दरवाजे पर लापरवाही से दस्तक दी। डॉक्टर ने बताया कि व्यक्ति नशे में था और तीन मिनट तक दरवाजा पीटता रहा। जब उन्होंने दरवाजा खोला, तो वह व्यक्ति अकेला था और खड़ा होने या चलने में भी असमर्थ था।
चार सदस्यीय जांच समिति का गठन
घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति ने सोमवार को अस्पताल के कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। समिति की रिपोर्ट मंगलवार तक आने की उम्मीद है, जिसके बाद प्रशासन उचित कदम उठाएगा।
अभी नहीं हुई है एफआईआर
डॉक्टर ने अभी तक कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। हालांकि, MYH के डीन डॉ संजय दीक्षित ने कहा कि मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। इस घटना के बाद, प्रशासन ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। डिवीजनल कमिश्नर, कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर और IMC कमिश्नर ने बैठक में अस्पताल के आपातकालीन वार्ड, इलाज कक्ष, CCTV कंट्रोल रूम और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों का निरीक्षण किया।
सीसीटीवी कैमरे की जांच के निर्देश
सभी CCTV कैमरों की जांच करने के आदेश दिए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे ठीक से काम कर रहे हैं। अधिकारियों ने अस्पताल के CCTV सिस्टम और पुलिस नेटवर्क के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया। इससे किसी भी आपात स्थिति में तेजी से कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
ब्रीथ एनालाइजर से गार्ड को लैस किया जाए
इसके अलावा, अस्पताल के डीन ने घोषणा की कि गार्ड को ब्रीथ एनालाइजर से लैस किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि कोई भी नशे की हालत में अस्पताल में प्रवेश न करे। विवादों से बचने के लिए गार्ड को बॉडी-वॉर्न कैमरे भी उपलब्ध कराए जाएंगे। अनधिकृत प्रवेश को रोकने के लिए, समय-समय पर अटेंडेंट, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के ID कार्ड की जांच की जाएगी।
पुरानी बिल्डिंग हटेंगे
कमिश्नर ने अस्पताल परिसर में स्थित पुरानी, जीर्ण-शीर्ण इमारतों को हटाने का भी आदेश दिया और परिसर की सुरक्षा में सुधार के लिए बेहतर स्ट्रीट लाइटिंग की मांग की। वहीं, लोक स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि जांच पूरी तरह से की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। दोषी पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।