कोरबा गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए जिले में स्थापित पोषण पुनर्वास केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। एनआरसी में बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सुपोषित भोजन, पौष्टिक आहार एवं बच्चों की माताओं को सुपोषण से संबंधित जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा हैं। जिले में स्थापित 5 एनआरसी केन्द्रों में 547 बच्चो का ईलाज हो चुका हैं।
एनआरसी में दिये जा रहे पौष्टिक आहार एवं चिकित्सकीय उपचार के कारण गंभीर कुपोषित बच्चे तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। जिले में गंभीर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर इन बच्चों का नजदीकी एनआरसी में रखकर देखभाल किया जा रहा हैं। वर्तमान में 51 बच्चे एनआरसी में भर्ती होकर कुपोषण से मुक्त हो रहे हैं। एनआरसी में बच्चों की वर्तमान कुपोषण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। एनआरसी में बच्चों की माताओं को बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए खानपान और देखभाल से संबंधित ट्रेनिंग भी दी जाती हैं।
जिला प्रशासन द्वारा रणनीति तैयार कर गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण स्तर के सामान्य श्रेणी में लाने के लिए बच्चों को एनआरसी लाया जा रहा हैं। एनआरसी में बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने देख रेख के साथ पोषण आहार भी दिया जा रहा हैं। पोषण पुनर्वास केंद्र में 5 वर्ष से कम उम्र के व गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को पोषण एवं चिकित्सकीय सुविधा दी जाती है। कुपोषित बच्चों को एनआरसी में रखकर विशेष पोषण आधारित चिकित्सकीय उपचार और खानपान दिया जाता हैं।
एनआरसी से डिस्चार्ज के उपरांत बच्चो का फालोअप भी लिया जाता है। एनआरसी में बच्चों के मनोरंजन खेल-कूद के भी साधन उपलब्ध हैं। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कमरे की दीवारों में आकर्षक कार्टून चित्रकारी होने से बच्चे खुशनुमा माहौल में कुपोषण को मात दे रहे हैं। अभी तक जिला अस्पताल कोरबा में 157, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करतला एनआरसी में 149, कटघोरा एनआरसी में 67, पोड़ी-उपरोड़ा एनआरसी में 97 एवं पाली स्थित एनआरसी में 77 गंभीर कुपोषित बच्चों का ईलाज हो चुका हैं। वर्तमान में पाली एनआरसी में 12, पोड़ी-उपरोड़ा एनआरसी में 10, कटघोरा एनआरसी में 7, जिला अस्पताल एनआरसी में 12 एवं करतला एनआरसी में 10 बच्चें भर्ती होकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।