भोपाल। स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय के नित नये प्रयोग कर विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएँ उपलब्ध कराने के प्रयास सराहनीय है। इसी तरह सभी विद्यालयों को विद्यार्थियों के समुचित विकास और उन्नयन के लिए कार्य करना चाहिए।
मंत्री श्री परमार अभ्युत्थानम वेलफेयर फाउंडेशन के सहयोग से उत्कृष्ट विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मंत्री श्री परमार ने फाउंडेशन के सहयोग से विद्यालय के चयनित 21 मेधावी और जरूरतमंद विद्यार्थियों को एक लाख 21 हजार रुपये मूल्य के मोबाइल फ़ोन प्रदान किये। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि मोबाइल का उपयोग ज्ञान अर्जित करने के लिए करें। ज्ञान रूपी अमृत से अपने संकल्प को पूरा कर जीवन में ऊँचाईयों को छुए। मंत्री श्री परमार ने विद्यालय परिसर में एक करोड़ रुपये की लागत से नव-निर्मित बहुउद्देशीय हॉल का लोकार्पण भी किया।
मंत्री श्री परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में अमूल-चूल परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया है। आजादी के 70 वर्ष बाद देश की जनता के सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई है। यह शिक्षा नीति शिक्षा का उच्च स्तर और गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों में समाज के प्रति दायित्व बोध और संवेदनशीलता के गुण विकसित करेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ रोजगार देना नहीं है बल्कि श्रेष्ठ नागरिक का निर्माण करना भी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पोषित श्रेष्ठ नागरिक भारतीय मूल्यों और आदर्शों के आधार पर भारत का पुनर्निर्माण कर उसे पुनः विश्व गुरु के रूप में स्थापित करेंगे।
अभ्युथानम् वेलफेयर फाउण्डेशन एक स्वयं सेवी संस्था है, जिसका मुख्यालय ग्वालियर में है। यह संस्था स्व. राधेश्याम द्विवेदी की चिर-स्मृति में स्थापित की गयी है। अभ्युत्थानम् वेलफेयर फाउण्डेशन समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष रूप से प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं की सहायता, शिक्षा, राष्ट्रभाषा के उत्थान में वृहत रुप से कार्य करती है।
इस अवसर पर संचालक लोक शिक्षण के.के. द्विवेदी, अपर संचालक द्वय धीरेंद्र चतुर्वेदी, डी.एस. कुशवाहा, संयुक्त संचालक राजीव तोमर, जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना और प्राचार्य सुधाकर पाराशर सहित संबंधित विभागीय अधिकारी, शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।