नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि महात्मा गांधी के कहने पर ही वीर सावरकर ने क्षमा याचिका दाखिल की थी, महात्मा गांधी ने कहा था कि जैसे देश को स्वतंत्र कराने के लिए हम अभियान चला रहे हैं, उसी तरह सावरकर को आजाद कराने के लिए भी हम अभी अभियान चलाएंगे।
वीर सावरकर पर एक किताब के विमोचन के अवसर पर रक्षा मंत्री ने अंग्रेजों से माफी मांगने को लेकर विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि वीर सावरकर न तो फासीवादी थे, न नाजीवादी थे, वे केवल यथार्थवादी और राष्ट्रवादी थे।
राजनाथ ने कहा, 'वीर सावरकर जी महान स्वतंत्रता सेनानी थे इसमें कहीं दो मत नहीं हैं।किसी भी विचारधारा के चश्मे से देखकर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को अनदेखा करना, अपमानित
करना ऐसा काम है जिसे कभी माफ नहीं किया जा सकता।' कार्यक्रम
में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि "स्वतंत्रता
के बाद वीर सावरकर को बदनाम करने का काम तेजी से हुआ।"
हिंदुत्व की अलग-अलग परिभाषाओं को लेकर संघ प्रमुख भागवत ने कहा, "सावरकर का
हिंदुत्व, विवेकानंद
का हिंदुत्व , ऐसा कुछ
नहीं है। हिंदुत्व एक ही है, वो सनातन
है जो आखिर तक रहेगा।" उन्होंने
कहा, 'वीर सावरकर अखंड भारत की बात करते थे। महर्षि योगी ने भी कहा था अखंड भारत का उदय होगा और राम मनोहर लोहिया जी भी इसी के समर्थक थे। मत अलग-अलग हैं तब भी हम साथ चलेंगे।
हमारी राष्ट्रीयता का ये मूल तत्व है। जो भारत का है, उसकी सुरक्षा, प्रतिष्ठा भारत के ही साथ जुड़ी है। विभाजन के बाद भारत से स्थलांतर करके पाकिस्तान में गए मुसलमानों की प्रतिष्ठा पाकिस्तान में भी नहीं है। जो भारत का है, वो भारत का ही है।'