भोपाल । बीते छह महीने से पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) समय पर ट्रेनें चलाने और कमाई करने में प्रथम स्थान पर काबिज है। डब्लयूसीआर को यह उपलब्धि रेलवे बोर्ड की समीक्षा में मिली है। दूसरे स्थान पर नार्थ फ्रंटियर रेलवे और तीसरे स्थान पर ईस्ट कोस्ट रेलवे है। बता दें कि हर माह रेलवे बोर्ड द्वारा सभी जोनों के कामों की समीक्षा की जाती है। रेलवे यह समीक्षा परिचालन, राजस्व, सुरक्षा, संरक्षा, अद्योसंरचना से जुड़े कामों को लेकर करता है। जिसमें जोनों की रैकिंग तैयार की जाती है। डब्ल्यूसीआर को उत्कृष्ट प्रदर्शन पर 70.74 अंक मिले हैं। हालांकि अभी भी जोन के भोपाल समेत जबलपुर, कोटा मंडल में और काम करने की जरूरत है।
बता दें पश्चिम-मध्य रेलवे में तीन मंडल है। इनमें एक भोपाल रेल मंडल भी है। मंडल में बीते वर्षों में सबसे बड़े कामों में से हबीबगंज रेलवे स्टेशन को पुन: विकसित करना है। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) से विकसित किया गया पहला रेलवे स्टेशन है। इसी को आधार मानकर रेलवे देश में 400 और स्टेशनों को विकसित करने की योजना बना रहा है। कुछ स्टेशनों पर तो काम भी चालू हो गए हैं। भोपाल रेल मंडल में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बीना में सौर उर्जा प्लांट बनाकर कमाल किया है। ये सभी काम पश्चिम-मध्य रेलवे को बोर्ड स्तर पर आगे रखे हुए हैं। भोपाल समेत पश्चिम-मध्य रेलवे जोन के इलाकों में ट्रैक दोहरीकरण का काम तेजी से हुआ है।
तीसरी रेल लाइन का काम भी पूरा हो चुका है। सिर्फ बरखेड़ा से बुधनी के बीच का रेलखंड बाकी है। विद्युतीकरण से जुड़े कामों में तेजी आई है। कोचों के रखरखाव का काम अच्छा है। निर्माण कार्यों की गति दूसरे जोनों की तुलना में कई गुना अच्छी है। रेलवे को कोरोना काल में भी सबसे अधिक राजस्व देने वाला जोन डब्ल्यूसीआर है। यहां के भोपाल, कोटा और जबलपुर समेत तीनों रेल मंडलों में यात्री ट्रेनों और मालगाड़ी ट्रेनों से ठीक कमाई हो रही है। बीते छह माह में डब्ल्यूसीआर ने 2600 करोड़ रुपये कमाए हैं। इनमें से बड़ा हिस्सा मालगाड़ी ट्रेनों द्वारा की गई कमाई का है। इसके बाद यात्री ट्रेनों से मिला राजस्व है।