भारतीय रेसलिंग फेडरेशन (WFI) मंगलवार 16 जनवरी को एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग करने जा रहा है। इस मीटिंग में फेडरेशन पर केंद्रीय खेल मंत्रालय के निलंबन पर चर्चा की जाएगी।
WFI के अध्यक्ष संजय सिंह 'बबलू' ने दैनिक भास्कर को बताया कि हमने निलंबन पर चर्चा करने के लिए ही एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग बुलाई है। इसमें मेंबर्स से राय ली जाएगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी।
सिंह ने यह भी कहा- 'फेडरेशन भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) द्वारा गठिन एडहॉक बॉडी को स्वीकार नहीं करता है।'
UWW के सस्पेंशन पर IOA बताएगा
सिंह ने भारतीय रेसलिंग संघ के निलंबन पर कहा कि हमने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) को पत्र लिखा था। इस पर वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय ओलिंपिक संघ से जवाब मांगा था। अब इस बारे में IOA ही बता सकता है।
यह है मीटिंग के मुख्य एजेंडा
मंत्रालय के सस्पेंशन के खिलाफ कोर्ट का रुख कर सकता है फेडरेशन
फेडरेशन के एक अन्य सूत्र ने कहा है कि खुद पर खेल मंत्रालय के निलंबन के खिलाफ फेडरेशन कोर्ट का रुख कर सकता है, क्योंकि फेडरेशन की कार्यकारणी का गठन लोकतांत्रित प्रक्रिया का पालन करते हुए किया गया है।
22 दिन पहले खेल मंत्रालय ने WFI सस्पेंड किया था
22 दिन पहले भारतीय खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) की नई बॉडी को सस्पेंड कर दिया। 24 दिसंबर को मंत्रालय ने भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) से रेसलिंग फेडरेशन के मामलों के मैनेजमेंट के लिए एडहॉक कमेटी बनाने को भी कहा था और IOA ने एडहॉक कमेटी भी बना दी है।
संजय सिंह ने अध्यक्ष पद पर अनीता को हराया था
21 दिसंबर को भारतीय रेसलिंग संघ के चुनाव में संजय सिंह ने अध्यक्ष पद पर कॉमनवेल्थ चैंपियन रेसलर अनीता श्योराण को 33 वोट से हराया था। संजय को 40 वोट मिले थे, जबकि अनीता को 7 वोट ही मिले थे।
चुनाव के बाद विवाद; साक्षी का संन्यास, बजरंग-विनेश ने अवॉर्ड लौटाए
दिग्गज पहलवान संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में उतर आए थे। ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने संन्यास का ऐलान किया था, जबकि बजरंग और विनेश ने अपने अवॉर्ड वापस लौटा दिए थे।
पिछले एक साल से विवादों में कुश्ती
रेसलिंग फेडरेशन पिछले एक साल से विवादों में है। ये विवाद पिछले साल जनवरी-फरवरी में महिला पहलवानों के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीडन के आरोप से शुरू हुए।