नई दिल्ली । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत बायोटेक से उसके कोविड-19 टीके कोवैक्सीन के बारे में और जानकारी मांगी है। डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को कहा कि वह भारत बायोटेक से 'कोवैक्सीन' के बारे में एक अतिरिक्त जानकारी की उम्मीद कर रहा है। और उसने इस बात पर जोर दिया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए उसका पूरी तरह से मूल्यांकन करना होगा कि टीका सुरक्षित है और इसे जैसे-तैसे हड़बड़ी में तो नहीं बनाया गया, उसके बाद ही इसे आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी जा सकती है।
कोवैक्सीन विकसित करने वाले हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने अपने टीके के लिए 19 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन को ईओआई (रुचि की अभिव्यक्ति) प्रस्तुत की थी। वैश्विक स्वास्थ्य संगठन ने एक ट्वीट में कहा, 'हम जानते हैं कि बहुत से लोग कोविड-19 आपातकालीन उपयोग सूची में कोवैक्सीन के शामिल होने के वास्ते डब्ल्यूएचओ की सिफारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन हम हड़बड़ी में ऐसा नहीं कर सकते हैं।
डब्ल्यएचओ ने आगे कहा कि आपातकालीन उपयोग के लिए किसी प्रोडक्ट की सिफारिश करने से पहले, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए इसका अच्छी तरह से मूल्यांकन करना होगा कि वह सुरक्षित और प्रभावी है। उसने कहा, कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक नियमित आधार पर डब्ल्यूएचओ को आंकड़े उपलब्ध करा रहा है और डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने इन आंकड़ों की समीक्षा की है।
डब्ल्यूएचओ आज कंपनी से एक अतिरिक्त जानकारी की उम्मीद कर रहा है।' डब्ल्यूएचओ का यह ट्वीट उसकी मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के यह कहने के एक दिन बाद आया है कि एजेंसी का तकनीकी सलाहकार समूह 26 अक्टूबर को भारत के कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग सूची में सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए बैठक करेगा। कोवैक्सीन का उपयोग देश के राष्ट्रव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण कार्यक्रम में किया जा रहा है।