मुम्बई । अक्टूबर में यूएई और ओमान में होने वाले टी20 विश्व कप क्रिकेट में भारतीय टीम के मेंटॉर की भूमिका निभाने जा रहे पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के आने से टीम में उत्साह की लहर है। धोनी की बात करें तो उन्हें एक खास जिम्मेदारी दी गई है। उनके ऊपर कप्तान विराट कोहली को पहली आईसीसी ट्रॉफी दिलाने का भार है। धोनी ने अपनी कप्तानी में कई रिकार्ड बनाये हैं। वे सीमित ओवर के अच्छे कप्तान हैं। उन्हीं की कप्तानी में टीम इंडिया ने अंतिम बार साल 2013 में आईसीसी ट्रॉफी जीती थी। धोनी से बेहतर इस टीम को कोई नहीं समझ सकता। उनके पास अनुभव भी है और खिलाड़ी उन पर भरोसा भी करते हैं।
वहीं दूसरी ओर विराट भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान होने के बाद भी अब तक एक बार भी आईसीसी ट्राफी नहीं जीत पाये हैं। इससे उनकी कप्तानी के साथ ही टीम चयन और रणनीति पर भी सवाल उठने लगे हैं। हर सफल टीम को एक कोर ग्रुप होता है पर कोहली की कप्तानी में हर खिलाड़ी को क बार टीम से बाहर होना पड़ा है। यहां तक कि कोई सीनियर खिलाड़ी भी टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाया है। इस कारण कोई कप्तानी का दावेदार नहीं बना है। विराट को कप्तानी के दौरान बीसीसीआई की ओर से कम करने की आजादी मिली पर वह उसके बाद भी कोई आईसीसी ट्राफी नहीं जीत पाये। बोर्ड अब तक टेस्ट और सीमित ओवरों के प्रारुप में अलग-अलग कप्तान नहीं बना पाया है।