सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
अदालत ने कहा कि अगर कोई आरोपी जमानत या मामले को खारिज करने के लिए दस्तावेजों पर निर्भर है, तो उसे ये मांगने का अधिकार है। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि नहीं, ऐसा कोई अधिकार नहीं है। वह अदालत से इस पर गौर करने का अनुरोध कर सकते हैं। मान लीजिए कि ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है और यह स्पष्ट रूप से दोषसिद्धि का मामला है और वह केवल मुकदमे में देरी करना चाहता है, तो यह अधिकार नहीं हो सकता। इसके बाद अदालत ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। कई हाई-प्रोफाइल विपक्षी नेताओं को भ्रष्टाचार विरोधी कानून के तहत केंद्रीय एजेंसियों के गिरफ्तार किए जाने के बाद PMLA बार-बार जांच के दायरे में आया है।