भोपाल । राजधानी के जहांगीराबाद क्षेत्र की एक महिला अपने पति से परेशान होकर न्याय पाने की उम्मीद में भटक रही है। महिला के साथ तीन छोटे-छोटे बच्चे भी मां के साथ महिला थाने के चक्कर काटने को मजबूर है। यह महिला न्याय पाने के लिए सुबह आठ बजे से महिला थाना में भटक रही है। थाना में उसकी सुनवाई करने वाला कोई भी नहीं है। सुबह से ही उसे बैठने के लिए कहा जा रहा है। महिला ने बताया कि पति घर में कुछ भी खाने का सामान नहीं रखता है। बस हर रोज 10 स्र्पये देकर चला जाता है।
अब इतनी महंगाई में 10 स्र्पये में तीन बच्चों का कैसे पेट भरें। महिला ने बताया कि वह चाहती है कि पति उसके बच्चों का ध्यान रखे। कुछ ऐसा ही हाल एक अन्य महिला का है। वह भी अपने पिता के साथ न्याय की आस में बैठी है। अवधपुरी की रहने वाली एक युवती परेशान होकर महिला थाना पहुंची तो उससे वहां की एक महिला अधिकारी ने कहा कि आपको तुरंत मदद चाहिए तो अपने क्षेत्र के पुलिस थाना में शिकायत कीजिए। बता दें, कि राजधानी का एकमात्र महिला थाना जहां हर रोज करीब 8 से 10 महिलाएं न्याय की गुहार के लिए पहुंचती हैं, लेकिन यहां की महिला अधिकारियों के रवैए से पीडिताएं परेशान होती रहती हैं।
महिलाओं ने बताया कि यहां पर काउंसलिंग नहीं कराई जा रही है, बल्कि सीधे एफआइआर दर्ज कराई जा रही हैं। महिला थाना के मुख्य गेट पर बैरिकेड लगा दिया है। इस कारण महिलाएं डर के कारण अंदर ही नहीं जा पाती हैं।कई महिलाएं अपने पति या ससुराल वालों को समझाने के लिए काउंसलिंग कराना चाहती हैं, लेकिन थाना में काउंसलिंग नहीं हो रही है। साथ ही यहां पर महिलाओं की समस्याओं को जल्द न्याय नहीं मिल रहा है।