गरियाबंद । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, अटारी जोन के निर्देशानुसार कृषि विज्ञान केन्द्र गरियाबंद द्वारा ग्राम चिखली में मिलेट्स (श्री अन्न) व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का आयोजन 2 चरणों में किया गया। पहला चरण का आयोजन 07 अगस्त को ग्राम चिखली में किया गया, जिसमें 11 महिलाएं शामिल हुए। इस दौरान श्री अन्न से बनी हुई विभिन्न व्यंजन जैसे-कुटकी की इडली, कुटकी का खीर, कुटकी का पराठा, कोदो का पुलाव, रागी का कतरा आदि स्वादिष्ट व्यंजन प्रदर्शित किये गये। इन स्वादिष्ट व्यंजनों में निर्णायक दल ने पांच उत्कृष्ट व्यंजनों का चयन किया। इस प्रतियोगिता का दूसरा चरण 12 अगस्त को ग्राम चिखली के ग्राम पंचायत भवन में किया गया। जिसमें पहले चरण में चयनियत 5 महिलाओं ने श्री अन्न से बनाये हुए स्वादिष्ट व्यंजन जैसे-रागी का दोसा, रागी का हलवा, कुटकी का अप्पे, कुटकी का आईरसा, रागी का लड्डू को प्रदर्शित किया। इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता के निर्णायक दल में कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. शालू अब्राहम, प्रवीण जामरे, डॉ. ज्योति रमा, तुषार मिश्रा एन.आई.डब्ल्यू.सी.वाई.डी. के रिजिनल प्रोजेक्ट मैनेजर मलय साहू एवं हाई स्कूल चिखली के अध्यापक सुरेश कुमार ध्रुव और ज्ञानेंद्र शर्मा शामिल थे। कार्यक्रम में चिखली ग्राम के सरपंच पन्ना लाल कंवर एवं सचिव अनुज ठाकुर भी उपस्थित थे। कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक डॉ. शालू अब्राहम ने मोटे अनाज के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को अपने भोजन में मिलेट्स शामिल करने के लिये प्रोत्साहित किया। प्रतियोगिता के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों में मिलेट्स के सेवन के बारे में जागरूकता लाना एवं उसकी पौष्टिक उपयोगिता का ग्रामीण क्षेत्रों में समावेश करना था। इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. मनीष चौरसिया के मार्गदर्शन में किया गया।