उत्तर बस्तर कांकेर। विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल में ‘‘अंतर को कम करना-सभी के लिए स्तनपान समर्थन‘‘ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमन्त नाग द्वारा स्तनपान के लाभ एवं इससे शिशु एवं मां को होने वाले फायदे के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि बच्चों एवं माताओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में हर साल 01 अगस्त से 07 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है।
इस अभियान के दौरान स्तनपान के महत्व को समुदाय तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जाता है। गौरतलब है कि शिशु के लिए स्तनपान न केवल सर्वात्तम आहार है बल्कि यह शिशु के मानसिक एवं शारीरिक विकास हेतु अत्यंत आवश्यक होता है। साथ ही शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने और बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी बेहद जरूरी है। स्तनपान कराने में माताओं का सहयोग एवं स्तनपान को बढ़ावा दिया जाना बहुत महत्वपूर्ण है। जन्म से छः माह तक केवल स्तनपान, दो साल तक लगातार स्तनपान और उसके बाद भी स्तनपान जारी रखने से शिशु को उच्च गुणवत्ता वाली पोषक तत्व एवं ऊर्जा प्राप्त होता है, जिससे कि संक्रमण एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खरे ने बताया कि जिले में आयुष्मान आरोग्य मंदिर, ब्लॉक स्तरीय बैठकों समस्त सरकारी एवं निजी अस्पतालों, स्वयं सहायता समूहों, तथा एनजीओ के साथ भागीदारी करते हुए स्तनपान पर चर्चा-परिचर्चा एवं कार्यशाला आयोजित करने का क्रम चलाया जा रहा है। कार्यशाला में मेडिकल कॉलेज के प्रभारी अधिष्ठाता डॉ. भगत बघेल, जिला टीकाकरण अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम, कॉलेज के प्रोफेसर, चिकित्सक, स्टॉफ नर्स के साथ ही पोषण पुनर्वास केन्द्र की शिशुवती महिलाएं उपस्थित रहे।