आप सफलता और असफलता को कैसे हैंडल करते हैं? वह आप पर कितना प्रभाव डालते हैं?
मैंने अपनी बहुत इज्जत और अपना बहुत अपमान, दोनों की कल्पना करके ही चलता हूं। इसलिए, जिस वक्त वो लम्हा आता है, मैं उसे अपने सोचे हुए लम्हे से मैच करता हूं और दोनों से निकलकर आगे बढ़ जाता हूं। मुझे दोनों से निकलने में बस तीन सेकंड लगते हैं।
मैंने अपनी बहुत इज्जत और अपना बहुत अपमान, दोनों की कल्पना करके ही चलता हूं। इसलिए, जिस वक्त वो लम्हा आता है, मैं उसे अपने सोचे हुए लम्हे से मैच करता हूं और दोनों से निकलकर आगे बढ़ जाता हूं। मुझे दोनों से निकलने में बस तीन सेकंड लगते हैं।