जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 जुलाई को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हुए थे। इस हमले में आतंकियों की मदद करने वाले दो ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) को गुरुवार, 25 जुलाई को गिरफ्तार किया गया।
दोनों OGW आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे। दोनों आतंकियों को खाने-पीने की चीजों के साथ ही वाई-फाई मुहैया कराते थे, ताकि आतंकी सीमा पार बैठे अपने हैंडलर से बातचीत कर सकें। इन इलाकों के लोग आतंकियों की मदद करते हैं।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान लियाकत और राज के रूप में हुई है। 8 जुलाई के बाद से आतंकियों को ढूंढने के लिए पुलिस ने 100 लोगों से पूछताछ की थी। इस पूछताछ के आधार पर दोनों OGW वर्कर्स का पता चला था।
सेना के ट्रक पर आतंकियों ने गोलीबारी की थी
8 जुलाई को सुरक्षाबल के जवान दो ट्रकों में कठुआ से करीब 123 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार ब्लॉक के माछेड़ी इलाके के बडनोटा में दोपहर 3.30 बजे पहाड़ी इलाके में पेट्रोलिंग के लिए निकले थे। रास्ता कच्चा था, गाड़ी की रफ्तार भी धीमी थी। एक तरफ ऊंची पहाड़ी और दूसरी तरफ खाई थी।
आतंकियों ने पहाड़ी से घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर स्नाइपर गन से फायरिंग की थी। सेना ने भी काउंटर फायरिंग की, लेकिन आतंकी जंगल में भाग गए। हमले में 3 से 4 आतंकियों के शामिल होने की बात सामने आई थी। वे एडवांस हथियारों से लैस थे।
आतंकी 9 जून को रियासी हमले की थ्योरी दोहराना चाहते थे
9 जून को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार शपथ ले रहे थे। उसी समय जम्मू के रियासी से खबर आई कि आतंकियों ने श्रद्धालुओं की बस पर फायरिंग कर दी है। फायरिंग में ड्राइवर को टारगेट किया गया। इसकी वजह से बस बेकाबू होकर गहरी खाई में जा गिरी। 9 यात्रियों की मौत हुई, जबकि 42 लोग घायल हो गए।
8 जुलाई को कठुआ में भी आतंकियों ने हमले की यही थ्योरी अपनाई। आतंकियों ने ऊंची पहाड़ियों से सेना के ट्रक पर हमला किया। टारगेट ड्राइवर को किया। हालांकि खराब सड़क की वजह से ट्रक 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार में था, इसलिए खाई में नहीं गिरा। इसके बाद आतंकियों की फायरिंग में 5 जवान शहीद हुए और 5 घायल हो गए।