छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले ने पहली बार एक ऐसा आयोजन किया जिसमें 500 से ज़्यादा आंगनवाड़ियों और उनके सहयोगी गांवों और समुदाय के सदस्यों ने अपने सबसे छोटे बच्चों के लिए जश्न मनाया। पिछले 3 सालों में, महिला और बाल विकास विभाग के जिला विभाग ने जिलाधिकारी श्री पार्थ जयसवाल के नेतृत्व में एवं डी.पी.ओ. श्री राजीव सिंह के कुशल मार्गदर्शन से अपनी आंगनवाड़ियों में बेहतरीन गुणवत्ता वाली प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा सुनिश्चित करने में प्रगति की है। उन्होंने आनगंवादियों के ढांचे, पाठ्यक्रम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के प्रशिक्षण में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं और साथ ही साथ माता-पिता को खेल के माध्यम से सीखने की गतिविधियों में शामिल करने के लिए कार्यक्रम भी शुरू किए हैं। छतरपुर प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा की बेहतरी के लिए की एजुकेशन फाउंडेशन (Key Education Foundation) के साथ तकनीकी भागीदार है।
आज, हम इन सभी प्रयासों की परिणति देख रहे हैं, न केवल आंगनवाड़ियों द्वारा बल्कि बड़े पैमाने पर समुदायों द्वारा सीखने और खेलने का जश्न मनाया जा रहा है। जिला अधिकारी, माता-पिता, दादा-दादी और अन्य सभी लोग खेलने, सीखने और बचपन के शुरुआती वर्षों के महत्व को पहचानने के लिए आंगनवाड़ियों में आए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने पूरे सप्ताह यह सुनिश्चित किया कि परिवार आंगनवाड़ी गतिविधियों का अनुभव बच्चों की तरह कर सकें। आंगनवाड़ियों ने बच्चों और परिवारों को एक साथ खेलते, गतिविधियाँ करते, खेलों में भाग लेते, बच्चों के काम का प्रदर्शन देखते और सबसे महत्वपूर्ण बात एक साथ मौज-मस्ती करते देखा।
मुझे पता ही नहीं चला कि यह सप्ताह समुदाय के साथ बचपन मनाओ की तैयारी का आनंद लेते हुए समय कैसे बीत गया। मुझे माता-पिता को अपने द्वारा स्थापित लर्निंग स्टेशन दिखाना बहुत अच्छा लगा। मैं हर साल ऐसा करना चाहूंगी!” - सरिता अग्रवाल, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
"आज माता-पिता यह देखकर बहुत खुश हुए कि उनके बच्चे आंगनवाड़ी में कितना कुछ सीख रहे हैं। यह समुदाय के सदस्यों को एक बहुत अच्छा संदेश देता है कि वे अपने बच्चे को आंगनवाड़ी में भेजने में संकोच न करें। हमें अपनी सभी आंगनवाड़ियों में इस उत्कृष्टता के लिए प्रयास करना जारी रखना चाहिए!" - सुषमा अहिरवार, आंगनवाड़ी सुपरवाइजर
जिले ने बचपन मनाओ में अधिकतम जागरूकता और भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बच्चों द्वारा हस्तनिर्मित निमंत्रण पत्र और रेडियो बुलेटिन जैसे रचनात्मक तरीकों का उपयोग किया।
"जिले ने हर बच्चे को उनकी विशिष्टता को पहचानने और उनके प्रदर्शन का जश्न मनाने के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किए। यह मानसिकता में बदलाव को पहचानने और उसके प्रभाव को सुनिश्चित करने का एक प्रयास है, ताकि बच्चे को मध्य स्थान में रखा जा सके और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका है अपने अंदर के बच्चे को पहचानना। बचपन मनाओ प्रत्येक आंगनवाड़ी और गाँव में बचपन का जश्न मनाकर स्थानीय स्तर पर प्रत्येक बच्चे पर ध्यान केंद्रित करने का एक अच्छा तरीका है।" - राजीव सिंह, डी.पी.ओ
बचपन मनाओ समारोह का समापन आने वाले आगामी कार्यक्रम में जिला स्तरीय वार्षिक समारोह (वातायन - 2024) में होगा। सीखने का जश्न मनाकर, जिला एक महत्वपूर्ण संदेश दे रहा है कि सभी शुरुआती क्षण सीखने के क्षण हैं जो हमें अपने बच्चों को विकसित करने में मदद करने का एक विशेष अवसर प्रदान करते हैं।
श्वेता गुहन, डायरेक्टर, की एजुकेशन फाउंडेशन, का कहना है “छतरपुर जिला न केवल शिक्षण में सुधार करके, बल्कि आंगनवाड़ियों को समुदाय और उनके बच्चों के लिए आदर्श स्थान बनाकर सभी जिलों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।”