इंदौर के एक योग केंद्र में शुक्रवार को देशभक्ति गीत पर परफॉर्म कर रहे शख्स नाचते-नाचते मंच पर गिर पड़े। वे 'मां तुझे सलाम' गाने पर आर्मी यूनिफॉर्म पहनकर और हाथ में तिरंगा लेकर प्रस्तुति दे रहे थे। उनके मंच पर गिरने को परफॉर्मेंस का हिस्सा समझकर सामने बैठे लोग तालियां बजाते रहे। तिरंगा दूसरे शख्स ने उठाया और लहराता रहा।
गीत खत्म हुआ तो लोग उनके पास पहुंचे। कुछ सेकेंड इंतजार किया, लेकिन जब कोई रिस्पॉन्स नहीं आया तो उन्हें सीपीआर दिया गया। इसके बाद वे कुछ देर के लिए उठकर बैठ गए और पूछने लगे कि मुझे क्या हो गया? उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। वहां ईसीजी हुआ। चेकअप करने के कुछ देर बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने हार्ट अटैक की आशंका जताई है।
मामला फूटी कोठी स्थित अग्रसेन धाम पर आस्था योग क्रांति अभियान द्वारा निशुल्क योग शिविर का है। परफॉर्म कर रहे शख्स का नाम बलविंदर सिंह छाबड़ा था लेकिन लोग उन्हें फौजी कहते थे। छाबड़ा ने अंगदान का फॉर्म भर रखा था। इसकी जानकारी उनका मोबाइल चेक करने पर मिली। इसके बाद मुस्कान ग्रुप के जरिए उनकी आंखें और त्वचा दान की गईं।
अंत्येष्टि के बाद बेटे ने कहा- आर्मी जॉइन नहीं कर पाए थे पिता
छाबड़ा की मौत के बाद सोशल मीडिया समेत योग शिविर आयोजकों और उनके दोस्तों ने यह जानकारी दी थी कि वे रिटायर्ड फौजी थे। लेकिन अंत्येष्टि के बाद उनके बेटे जगजीत सिंह ने दैनिक भास्कर से कहा, 'पिता का सपना आर्मी जॉइन करने का था। किसी कारण से वे फौज में नहीं जा पाए। लोगों में देशभक्ति का प्रसार करने के लिए वे फौजी जैसी ड्रेस पहनकर परफॉर्मेंस देने लगे तो पूरे शहर में फौजी के नाम से ही मशहूर हो गए। समाजसेवा के लिए कई बार उनका सम्मान भी किया गया।'
जगजीत ने स्पष्ट किया कि उनके पिता करीब 25 साल से फौजी के ड्रेसअप में परफॉर्म करते थे इसलिए लोगों को इस तथ्य की जानकारी नहीं है कि फौज में जाने का सपना उनका किसी कारण से अधूरा रह गया था।
2008 में हुई थी छाबड़ा की बायपास सर्जरी
शिविर आयोजक डॉ. आरके जैन ने दैनिक भास्कर को बताया कि योग मित्र संस्था के सहयोगी राकेश चौधरी के जरिए बलविंदर सिंह छाबड़ा और उनके साथी 31 मई को पहली बार योग शिविर में आए थे। वे मुख्य रूप से लाफ्टर और वेट लॉस योगा कराते थे।
बलविंदर ने सुबह 6.20 बजे प्रस्तुति दी। कहा कि सबसे पहले दो देशभक्ति गीत गाऊंगा और डांस करूंगा। उसके बाद मेरे साथी लाफ्टर का कार्यक्रम आगे बढ़ाएंगे। लेकिन पहली प्रस्तुति के दो मिनट के भीतर ही वे स्टेज पर गिर गए। हमें लगा कि यह प्रस्तुति का हिस्सा है। 2008 में छाबड़ा की बायपास सर्जरी हुई थी।
शिविर में शहरभर से आते हैं योगाचार्य और ट्रेनर
जैन ने बताया कि निशुल्क योग शिविर में शहरभर के अलग-अलग योगाचार्य आते हैं और ट्रेनिंग देते हैं। शिविर में स्कीम 71, द्वारकापुरी, सुदामा नगर, परिवहन नगर, सूर्यदेव नगर, सत्यदेव नगर आदि कॉलोनियों के युवाओं को विशेष रूप से योग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यही वजह है कि सुबह 6.15 से 7.15 तक शिविर लगाया जा रहा है।
क्या होता है सीपीआर?
सांस या धड़कन रुकने की स्थिति में प्राथमिक रूप से कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary Resuscitation-CPR) किया जाता है। इसमें मुंह से सांस देकर या सीना दबाकर हार्ट को एक्टिव किया जाता है।