भोपाल । रेलवे के जबलपुर रेल मंडल में ट्रेन में काम करने वाले लाइटिंग व एसी कर्मचारियों की जान जोखिम में है। कम स्टाफ में इन लोगों से ज्यादा से काम लिया जा रहा है जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैा कर्मचारियों का कहना है कि काम के दबाव में कई लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार उन पर काम का दबाव बनाकर उन्हें मानसिक प्रताड़ना देने का काम किया जा रहा है।
मंडल के अधिकारी रेलवे बोर्ड के आदेश का उल्लंघन करते हुए ट्रेनों के एसी कोच में निर्धारित संख्या से कम कर्मचारी लगा रहे हैं, जिसको लेकर अब कर्मचारियों ने रेलवे प्रशासन का विरोध शुरू कर दिया है। इस समस्या को वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डब्लूसीआरईयू) ने रेल प्रशासन के समक्ष कई बार रखा, लेकिन इसके समाधान के लिए अब तक कदम नहीं उठाया है।
इसके विरोध में सोमवार से डबलूसीआरईयू के तत्वावधान में कोचिंग डिपो में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और धरना शुरू कर दिया गया है। जबलपुर कोचिंग कांप्लेक्स परिसर में डब्लूसीआरईयू के धरना आंदोलन की शुरुआत करते हुए यूनियन के मंडल सचिव नवीन लिटोरिया व मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने कहा कि मंडल रेल प्रशासन एसी एवं टीएल कर्मचारियों की समस्याओं को लगातार नजर अंदाज करता आ रहा है।
रेल प्रशासन रेलवे बोर्ड का स्पष्ट आदेश का भी उल्लंघन कर रहा है। जबकि रेलवे बोर्ड का आदेश है कि जिस ट्रेन में पांच या इससे अधिक एसी कोच हैं, तो उसमें कम से कम दो एसी कोच मैकेनिक लगाया जाए, लेकिन जबलपुर मंडल रेल प्रशासन बोर्ड के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा। यूनियन अध्यक्ष शुक्ला ने रेल प्रशासन को चेतावनी दी कि एसी, टीएल स्टाफ रेल प्रशासन की इस काम को बर्दाश्त नहीं करेगी। कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय नहीं लेता है तो इसके गंभीर परिणाम रेल प्रशासन को भुगतना होगा।