हमीदिया के मैनेजमेंट ने अस्पताल में कुछ कर्मचारियों के साथ 3 दलालों को पकड़ा है। दलालों के इस गिरोह के साथ हमीदिया अस्पताल के कुछ वार्ड बॉय और 108 एम्बुलेंस के ड्राइवर भी शामिल हैं।
यह कार्रवाई मंगलवार शाम 6 बजे की है, जब कुछ लोग भर्ती होने आए, तभी मरीजों को बहला-फुसलाकर प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही थी। हमीदिया अस्पताल की अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन ने कुछ कर्मचारियों के साथ इन दलालों को रंगे हाथ पकड़ लिया। बाद में इस मामले की शिकायत कोहेफिजा पुलिस से की गई।
108 का स्टाफ ऐसे कर रहा था खेल 108 एम्बुलेंस से मरीज को प्राइवेट अस्पताल में छोड़ने का नियम है, लेकिन इसके लिए मरीज को प्रति किलोमीटर के हिसाब से शुल्क चुकाना होता है। स्टाफ को 108 मैनेजमेंट को इसकी जानकारी देने के साथ अप्रूवल भी लेना पड़ता है। इससे बचने के लिए 108 स्टाफ मरीज को पहले हमीदिया अस्पताल ले जाते थे। यहां मरीज का रजिस्ट्रेशन कराते, इसके बाद यहां से मरीज को प्राइवेट अस्पताल की एम्बुलेंस में शिफ्ट करा देते थे।
सुबह से घूम रहा था संदिग्ध मंगलवार शाम 108 एम्बुलेंस से एक मरीज हमीदिया अस्पताल लाया गया। एम्बुलेंस स्टाफ ने इमरजेंसी में पहुंचकर इस मरीज के भर्ती कागजात तैयार करवाए। हालांकि, मरीज को हमीदिया में भर्ती करने की बजाय पास खड़ी प्राइवेट अस्पताल की एम्बुलेंस में बैठा दिया। इतने में अस्पताल अधीक्षक ने 108 एम्बुलेंस के स्टाफ और निजी अस्पताल के दलालों को पकड़ लिया। इसी दौरान तीन अन्य एम्बुलेंस भी आईं और इनके ड्राइवरों ने भी यही करने की कोशिश की। अस्पताल स्टाफ ने चारों एम्बुलेंस स्टाफ के साथ प्राइवेट अस्पताल के तीनों दलालों को पकड़ लिया।
इससे पहले मंगलवार सुबह भी अस्पताल के गार्डों ने इमरजेंसी में एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि इसका कोई मरीज भर्ती नहीं है। वह सिटी केयर नाम के प्राइवेट अस्पताल का कर्मचारी है। पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह ऐसे ही यहां घूमने आता है और किसी मरीज को जरूरत होती है, तो मदद कर देता है। इसके बाद वह अपनी गाड़ी छोड़कर भाग निकला। इस मामले के बाद अस्पताल अधीक्षक ने गार्डों को ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने के निर्देश दिए। शाम को कुछ और लोग पकड़े गए।
अस्पताल प्रबंधन का कहना
हमीदिया अस्पताल की अधीक्षक डॉ. सुनीता टंडन ने कहा-
हमने चार 108 एम्बुलेंस और निजी अस्पताल के तीन दलालों को पकड़ा है। यह सभी मिलकर हमीदिया अस्पताल के मरीजों को बरगला कर निजी अस्पताल में शिफ्ट करने जा रहे थे। इसमें हमारे वार्ड बॉय भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
108 एम्बुलेंस के सीनियर मैनेजर तरुण सिंह परिहार ने कहा-
वहां प्राइवेट एम्बुलेंस द्वारा ऐसा किया जाता है, हमारा कोई कर्मचारी वहां नहीं पकड़ा गया है। हमने अस्पताल प्रबंधन के साथ यह डिसाइड किया है कि कोऑर्डिनेशन से ओपीडी एडमिशन के बाद उसके डॉक्टयूमेंट का वेलिडेशन किया जाएगा।