टीवी और फिल्म एक्टर रघुबीर यादव ने कहा है कि करीब चार दशक तक बड़े पर्दे से लेकर टीवी तक कई भूमिकाएं निभाने के बाद वेब सीरीज'पंचायत' ने उनकी लोकप्रियता को अलग मुकाम पर पहुंचा दिया है और अब जहां भी वह जाते हैं तो लोग उन्हें 'प्रधानजी' कहकर पुकारा करते हैं।यादव ने से कहा, 'मैं प्रधान जी हो गया हूं, जहां भी जाता हूं लोग इसी नाम से पुकारते हैं। जैसे पिछला सब भूल गए हैं। अभी मैं बनारस में शूट कर रहा हूं तो लोगों को लगता है कि यह प्रधान जी हमारे बीच में कहां टहल रहे हैं।' 'पंचायत' सीरीज उत्तर प्रदेश के एक गांव में लोगों के रोजमर्रा के संघर्षों के इर्द-गिर्द घूमती है और हाल में इसका तीसरा सीजन रिलीज हुआ है। इसमें उन्हें एक्टिंग को लेकर मिल रही तारीफें उन्हें चिंतित भी करती है।'लगता है कि जिम्मेदारी है, मैं इसे खराब न कर दूं'
इस सीरीज में यादव को दर्शकों के सामने एक बार फिर से एक प्रिय और थोड़े भ्रमित प्रधान जी के रूप में पेश किया गया है, जो हमेशा अपने गांव के लोगों के लिए तैयार तो दिखते हैं लेकिन कई बार थोड़े भटक भी जाते हैं। उन्होंने अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में कहा, 'जब सारे सीजन निकल जाएंगे, तब उसके बाद खुश होने की कोशिश करूंगा, अभी तो मुझे चिंता होती है। लगता है कि जिम्मेदारी है, मैं इसे खराब न कर दूं। मैं बहुत ज्यादा खुश न हो जाऊं।'
'मेरे पास ऐसे बहुत किरदार थे, मैंने यह सब बचपन में देखा है'
वह मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के एक ऐसे ही गांव में पले-बढ़े हैं। यादव ने कहा, 'गांव में जो सहजता और सरलता है, वो अभी भी है और हम उसे ही इस सीरीज में ला पाए हैं। ऐसा लगता है कि यह किरदार वास्तविक ज़िदंगी से आते हैं। अलग से गढ़े हुए नहीं लगते हैं।' उन्होंने कहा,'मेरे पास ऐसे बहुत किरदार थे, मैंने यह सब बचपन में देखा है, थिएटर के जमाने में देखा है, जब मैं पारसी थिएटर करता था तब मैं देखता था।'
'हम भूखे जरूर रहते थे पर उस भूख ने सिखाया बहुत'
एक्टर ने रंगमंच के दिनों को याद करते हुए कहा, 'देखिए चाह को राह होती है। मैंने घर छोड़ने के बाद पारसी थिएटर कंपनी जो अनु कपूर के पिता चलाते हैं, उसमें शामिल हो गया। वहां मैंने छह साल तक काम किया था। वहां मुझे ढाई रुपये प्रतिदिन मिलते थे। यह मेरी जिंदगी के सबसे बेहतर दिन थे। हम भूखे जरूर रहते थे पर उस भूख ने सिखाया बहुत और मुझे सीखने में बहुत मजा आता है। अभी भी जबतक थोड़ी तकलीफ नहीं हो तो मज़ा नहीं आता।'