भोपाल । उद्योगों की जरूरत के अनुसार कौशल विकसित करना जरूरी है। कृषि आधारित कौशल विकास सबसे अधिक माँग वाले पाठ्यक्रमों में से एक है। श्री विश्वकर्मा स्किल्स यूनिवर्सिटी हरियाणा के कुलपति राज नेहरू ने यह बात अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में व्याख्यान-माला "असरदार परिवर्तन-टिकाऊ परिणाम'' में "स्किल डेव्हलपमेंट-लर्निंग्स फ्रॉम हरियाणा मॉडल'' विषय पर व्याख्यान देते हुए कही।
श्री नेहरू ने कहा कि उद्यमशीलता कौशल विकसित करने के लिये स्व-रोजगार पर ध्यान दें। संस्थानों में माँग, विशिष्ट
इंक्यूबेशन, हेरिटेज
स्किल के विकास और उद्योग को लाने पर ध्यान दें। उन्होंने बताया कि श्री विश्वकर्मा स्किल्स यूनिवर्सिटी में अल्पकालिक और दीर्घकालिक कार्यक्रम हैं, जो कि
आत्म-निर्भर और रेवेन्यु जनरेटिंग हैं।
विश्वविद्यालय में प्रारंभिक शिक्षा से लेकर डॉक्टरेट कार्यक्रमों तक व्यावसायिक शिक्षा देने का एक मॉडल है। उद्योगों के साथ लिंकेज पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग है। शिक्षकों को उद्योग में समय बिताने और अपने अध्यापन में एकीकृत करने के लिये अनिवार्य किया गया है।
शिक्षकों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाता है। श्री नेहरू ने कहा कि विश्वविद्यालय में चलने वाले पाठ्यक्रमों की लोकप्रियता इस बात से सिद्ध होती है कि इस वर्ष 700 सीटों के लिये लगभग 10 हजार लोगों ने नामांकन करवाया है। विश्वविद्यालय ने उद्योग भागीदारों और संस्थानों के साथ हब एण्ड स्पोक मॉडल को अपनाया है।
इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, संस्थान
की सीईओ श्रीमती जी.व्ही. रश्मि, क्रिस्प के चेयरमेन श्रीकांत पाटिल सहित अन्य अधिकारी एवं संस्थान के सलाहकार उपस्थित थे।