नई दिल्ली । देश में हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा बैंकों को चपत लगाने का मामला अभी खत्म भी नहीं हुआ और अब एक और हीरी करोबारी कंपनी सांघवी एक्सपोर्ट्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का एक बड़ा डिफॉल्ट सामने आया है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसने आईडीबीआई बैंक का 6710 करोड रुपए का खर्च चुकाने में डिफॉल्ट किया है।
हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की तरफ से पीएनबी में 14 हजार करोड़ रुपए से अधिक का डिफॉल्ट करने के बाद इसे भारतीय बैंक इतिहास में हीरा उद्योग की दूसरी सबसे बड़ी डिफॉल्ट की घटना माना जा रहा है। आई़डीबीआई बैंक का नियंत्रण एलआईसी के पास है। आईडीबीआई ने तो अपने डिफॉल्टर्स से रकम वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन इससे बड़े नुकसान हो सकते हैं। दरअसल, एलआईसी का अगले साल आईपीओ आने वाला है और इस डिफॉल्ट की वजह से एलआईसी के आईपीओ की प्रक्रिया पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि, ये देखना दिलचस्प रहेगा कि इसका आईसीआईसीआई बैंक के आईपीओ पर कितना असर पड़ेगा।
आईडीबीआई बैंक की तरफ से मुंबई बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लैक्स स्थित सांघवी एक्सपोर्ट्स इंटरनेशनल और उसकी 4 सहायक कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इन कंपनियों के 13 उच्च अधिकारियों और गारंटर के खिलाफ भी वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ये चार सहायक कंपनियां हैं- संघवी डायमंड्स मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड, सांघवी ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड, सांघवी स्टार रिटेल प्राइवेट लिमिटेड और रॉयल स्टेट होल्डिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड। इनकी दो फैक्ट्री गुजरात के सूरत के अलावा मुंबई में हैं। अक्टूबर 2018 में इस बड़े डिफॉल्ट के संकेत मिलने लगे थे।
बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लैक्स स्थित भारत डायमंड बाजार में सांघवी एक्सपोर्ट्स पर लगभग 468 करोड़ रुपए नहीं चुकाने का आरोप लगाया था। इसे लेकर बैंक कंसोर्टियम ने सांघवी एक्सपोर्ट्स की संपत्तियों को जब्त भी कर लिया था। उस वक्त बैंकिंग जानकार इसे चौंकाने वाली घटना मान रहे थे और साथ ही इस बात को लेकर सवाल भी उठ रहे थे कि आखिर खराब रेकॉर्ड के बावजूद कंपनी को इतना बड़ा लोन कैसे दिया गया। अब ऑल इंडिया एसोसिएशन के प्रमुख विश्वास उटागी ने इस मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग उठाई है। साथ ही यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि मेहुल चौकसी और नीरव मोदी की तरह आरोपी देश छोड़कर ना भागने पाएं।