नई दिल्ली । भारत में जानीमानी कंपनी एप्पल ने अपने कारोबार को दोगुना कर लिया है। अब पहले से कहीं अधिक भारतीय आईफोन खरीद रहे हैं, जिससे एप्पल को दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश (भारत) में अपनी उपस्थिति/कारोबार बढ़ाने में मदद मिल रही है।
माना जा रहा है कि क्यू4 2021 में आईफोन की मजबूत बिक्री से कारोबार में बढ़ोतरी करने में मदद मिली है। वास्तव में एप्पल ने वित्त वर्ष 2021 में भारत में अपने कारोबार को दोगुना कर दिया है, जो ये दर्शाता है कि लंबे समय में क्यूपर्टिनो दिग्गज के लिए उभरते बाजार कितने महत्वपूर्ण हो गए हैं। एप्पल सीईओ टिम कुक ने विश्लेषकों के साथ एक कॉल पर बताया कि कंपनी ने अपने वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के परिणामों की सूचना दी है। उन्होंने बताया, ‘हमने हर भौगोलिक खंड (जॉग्रफिक सेगमेंट) में पूरे बोर्ड में मजबूत दोहरे अंकों की वृद्धि के साथ क्वाटरली रिकॉर्ड सेट किया है।
वित्तीय वर्ष 2021 के दौरान हमने उभरते बाजारों से अपने राजस्व का लगभग एक-तिहाई हासिल किया है और भारत और वियतनाम में हमारे व्यापार (एप्पल के बिजनेस) को दोगुना कर लिया है’ हालांकि एप्पल ने हर देश के व्यक्तिगत ब्रेकआउट को उजागर नहीं किया, लेकिन यह स्पष्ट है कि पिछली तिमाही के दौरान बिक्री में वृद्धि हुई है। रिसर्च एजेंसी काउंटरप्वाइंट के मुताबिक, साल-दर-साल आधार पर 212 फीसदी ग्रोथ के साथ 2021 की तीसरी तिमाही में एप्पल सबसे ज्यादा ग्रोथ करने वाला ब्रांड था और 44 फीसदी शेयर के साथ प्रीमियम स्मार्टफोन मार्केट (30,000 रुपये और ऊपर) में सबसे आगे था।
माना जा रहा है कि आईफोन 12 और आईफोन 11 की मजबूत बिक्री इसकी बड़ी वजह थी कि पिछली तिमाही में एप्पल ने भारत में इतना अच्छा प्रदर्शन क्यों किया।काउंटरपॉइंट ने कहा, "एप्पल पहली बार प्रीमियम सेगमेंट में टॉप 5जी स्मार्टफोन ब्रांड बन गया है।"भले ही एप्पल भारत में अपने स्मार्ट फोन्स की कीमत अधिक रखता है, लेकिन कैशबैक ऑफर और ईएमआई स्क्रीम्स आईफोन को उपभोक्ताओं के लिए अधिक आकर्षक बनाती हैं।
बता दें कि गुरुवार को एप्पल ने सितंबर तिमाही में 83.4 बिलियन का राजस्व रिकॉर्ड दर्ज किया है, जो साल दर साल 29 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, एप्पल का राजस्व अपनी वित्तीय चौथी तिमाही में वॉल स्ट्रीट की उम्मीदों से कम हो गया था, क्योंकि कुक ने आईफोन, आईपेडस और मेक पर आपूर्ति की कमी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था । हालांकि, कंपनी ने खुलासा किया कि उसने तिमाही के दौरान आपूर्ति बाधाओं में 6 बिलियन का अनुभव किया है। आईफोन की बिक्री में साल-दर-साल 47 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि एप्पल की सेवाओं में सालाना 26 फीसदी की वृद्धि हुई है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से भारत एप्पल के लिए महत्वपूर्ण होता जा रहा है। एप्पल एक महत्वाकांक्षी ब्रांड के रूप में मार्केट में अपनी पोजीशन बनाए हुए है, न कि केवल एक अन्य स्मार्टफोन निर्माता के रूप में। एप्पल का मार्केट अलग तरीके हैं, इसकी मार्केट कैप्चर करने की रणनीति भी अन्य ब्रांड्स से थोड़ी अलग है. इसकी यही दुष्टिकोण एप्पल को न केवल बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में मदद कर रहा है, बल्कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन बाजार में उपयोगकर्ता का विश्वास भी हासिल करने में मदद कर रहा है।