मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था को प्रभावी और प्रतियोगी बनाने के लिये एशियाई विकास बैंक (एडीबी) पूरा सहयोग करेगा। इंडिया रेसीडेंट मिशन का नेतृत्व कर रही एडीबी की कंट्री डायरेक्टर सुश्री मियो ओका ने कहा कि पिछले ढाई दशकों में मध्यप्रदेश के शानदार प्रदर्शन और बढ़ती अर्थव्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए विकास के नये क्षेत्रों में प्रदेश के साथ भागीदारी को और आगे ले जायेंगे। सुश्री ओका एशियाई विकास बैंक और मध्यप्रदेश विकास के क्षेत्र में परस्पर सहयोग की 25 साल की साझेदारी की वर्षगांठ पर भोपाल में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। उल्लेखनीय है कि एडीबी के वित्तीय सहयोग से विकास परियोजनाओं को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करते हुए मध्यप्रदेश और एशियाई विकास बैंक की 25 सालों की सहभागिता पूरी हुई है। इस अवसर पर पिछले 25 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में एडीबी के निवेश पर केन्द्रित पुस्तिका भी लॉन्च की गई।
एडीबी और मध्यप्रदेश ने विकास के लिये परस्पर सहयोग को रेखांकित करने और भविष्य की रणनीति तय करने एक दिवसीय कार्यशाला में एडीबी और राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
एडीबी की सुश्री ओका ने कहा कि मध्यप्रदेश ने एडीबी के वित्तीय सहयोग का विकास परियोजनाओं को क्रियान्वन में लोकहित के लिये सकारात्मक उपयोग किया। भविष्य में इस सहयोग को जारी रखा जायेगा। सहयोग के नये क्षेत्र सामने आये हैं। एग्री-बिजनेस, स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, मानव संसाधन को कौशल सम्पन्न बनाने और सामाजिक अधो-संरचना एवं प्रबंधन को मजबूत करने जैसे नये क्षेत्रों में सहयोग की आवश्यकता होगी।
मध्यप्रदेश और एडीबी की पार्टनरशिप 1999 में शुरू हुई थी। आज ऊर्जा, परिवहन, शहरी विकास, कृषि, आजीविका निर्माण, जल प्रबंधन और सिंचाई प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में एडीबी की 6 बिलियन यूएस डालर की मदद है। सड़क निर्माण एवं सुधार में 3 बिलियन यूएस डालर से 23 हजार किमी सड़कों का सुधार हुआ है। ऊर्जा क्षेत्र में 1.72 बिलियन यूएस डालर, 140 शहरों के विकास में 800 मिलियन डालर का सहयोग मिला। इससे जल आपूर्ति, सीवरेज, स्वच्छता, वर्षा जल निकासी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार में मदद मिली। इसके अलावा 1 लाख 25 हजार हेक्टेयर में सिंचाई के लिये 375 मिलियन यूएस डालर का सहयोग मिला। युवाओं को तकनीकी कौशल सम्पन्न बनाने में ग्लोबल स्किल पार्क भोपाल के लिए एडीबी ने 150 मिलियन यूएस डालर का सहयोग दिया है।
एडीबी, राज्य की अर्थ-व्यवस्था को और ज्यादा प्रतियोगी बनाने के लिए अध्ययन भी कर रहा है, जिसमें उपयुक्त नीतियों के निर्माण और निवेश बढ़ाकर इसे मजबूत बनाया जा सकता है। इस अध्ययन के आधार पर एडीबी राज्य के अधिकारियों के साथ नये क्षेत्रों में सहभागिता की संभावनाओं की तलाश करेगा।
एडीबी ने मध्यप्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में सुधार करने में भरपूर सहयोग दिया है। इससे ऊर्जा क्षमता में बढ़ोतरी हुई। इस क्षेत्र में वर्ष 2007 से ही एडीबी सहयोग कर रहा है। वर्ष 2012 में ट्रांसमिशन हानि में कमी आना शुरू हो गई थी। आज बिजली प्रदाय निर्बाध रूप से जारी है। अब एडीबी ने नवकरणीय ऊर्जा संरक्षण और उपयोग एवं जलवायु परिवर्तन के खतरों में कमी लाने ग्रीन ईकानामी को बढ़ाने में भी सहयोग के लिए कदम बढ़ाया है।
परिवहन के क्षेत्र में सड़कों के सुधार और मरम्मत में 2.16 बिलियन यूएस डालर से सड़कों का विकास हो रहा है। लोक संसाधन प्रबंधन कार्यक्रम में एडीबी की मंशा है कि राज्य के साथ 25 सालों की लंबी पार्टनरशिप के चलते प्रदेश में जो परिसम्पतियों का निर्माण हो गया है उनका संचालन आगे जारी रखने के संबंध में भी एडीबी ने सहयोग के लिये कदम बढ़ाया है। इसके अलावा भविष्य की जरूरत के अनुसार मानव संसाधन तैयार करने में भी मध्यप्रदेश को सहयोग देगा। इनमें स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा और नर्सिंग प्रशिक्षण के नये क्षेत्र हैं।
कार्यशाला में केन्द्रीय आर्थिक मामलों विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री जूही मुखर्जी, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री संजय दुबे, अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल और प्रमुख सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एडीबी के श्री निलय मितास ने किया।