ठाणे के बदलापुर में 2 बच्चियों के साथ यौन शोषण मामले में गिरफ्तार आरोपी अक्षय शिंदे को सोमवार सुबह कल्याण कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस ने आरोपी को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उसे 21 अगस्त तक कस्टडी में रखा था। इसके बाद लोअर कोर्ट ने उसे आज यानी 26 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा था।
इधर, महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने स्कूल के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि घटना वाले दिन का CCTV फुटेज गायब है। कुल 15 दिन का फुटेज डिलीट किया गया है।
दरअसल, 12-13 अगस्त को एक निजी स्कूल में केजी क्लास की 2 बच्चियों से यौन शोषण की घटना हुई थी। मामले की जानकारी 20 अगस्त को सामने आई। जांच के लिए SIT का गठन किया गया है।
इसके बाद बदलापुर के हजारों लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किया। लोकल ट्रेनों को रोका गया। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। 72 लोगों को अरेस्ट किया गया। 17 पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
आरोपी को दादा बोलती थीं बच्चियां
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी 1 अगस्त को ही स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था। बच्ची उसे दादा (बड़े भाई के लिए मराठी शब्द) पुकारती थी। बच्ची के मुताबिक ‘दादा’ ने उसके कपड़े खोले और गलत तरीके से छुआ। स्कूल में जहां घटना हुई, वहां महिला कर्मचारी नहीं थी।
MVA के महाराष्ट्र बंद पर बॉम्बे हाईकोर्ट की रोक
बदलापुर घटना को लेकर 21 अगस्त को महाविकास अघाड़ी (MVA) ने 24 अगस्त को बुलाया था, लेकिन इससे एक दिन पहले 23 अगस्त को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बंद बुलाए जाने पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति या फिर राजनीतिक पार्टी को बंद बुलाना गैरकानूनी है। इसके बाद MVA ने बंद का फैसला वापस लिया और 24 अगस्त को काली पट्टी बांध कर विरोध जताया।
बाल आयोग बोला- स्कूल प्रशासन ने केस दबाने की कोशिश की
महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने आरोप लगाया कि स्कूल ने बच्चियों के पैरेंट्स की मदद करने के बजाय अपराध को छुपाया। स्कूल समय पर संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज करवाता तो अराजक स्थिति से बचा जा सकता था। मामले को लेकर आयोग ने CM शिंदे को रिपोर्ट पेश की है।
बाल आयोग की रिपोर्ट की 2 बड़ी बातें...
रिपोर्ट में बताया गया है कि एक बच्ची के माता-पिता ने यौन शोषण के बारे में प्रिंसिपल को जानकारी दी थी। 14 अगस्त को प्रिंसिपल ने स्कूल मैनेजमेंट को घटना के बारे में बताया था। फिर भी दो दिनों तक अभिभावकों से कोई बातचीत नहीं की।
मैनेजमेंट को दूसरी बच्ची के साथ हुए यौन शोषण की जानकारी भी 16 अगस्त मिल गई थी। बच्चियों के अभिभावकों ने पुलिस और पॉलिटिक्स से जुड़े लोगों के साथ स्कूल से संपर्क किया था, लेकिन मैनेजमेंट ने खुद से पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई थी।