फ्रांस में विदेशी इमामों की एंट्री पर बैन पहले से मौजूद इस्लामी धर्मगुरुओं को उनके देश भेजा जाएगा

Updated on 16-01-2024 12:29 PM

फ्रांस में अब दूसरे देशों के इमाम काम नहीं कर सकेंगे। इसके लिए प्रेसिडेंट एमैनुएल मैक्रों की सरकार ने नया कानून लागू कर दिया है। ‘फॉक्स न्यूज’ के मुताबिक- जो विदेशी इमाम पहले से मौजूद हैं, उन्हें भी वापस भेजा जाएगा या लोकल मस्जिदों में उन्हें कोई छोटा काम दिया जा सकता है।

फ्रांस सरकार ने ‘फोरम ऑफ इस्लाम इन फ्रांस’ नाम की एक संस्था बनाई है। इसमें सभी मजहबों के लीडर्स रहेंगे। इस संस्था की जिम्मेदारी देश के मुस्लिमों को सही राह दिखाना और कट्टरपंथ से दूर रखना होगी।

4 साल बाद कामयाबी

मैक्रों ने फरवरी 2020 में पहली बार इस कानून को लाने के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था- हमें कट्टरता को खत्म करना होगा। महिलाओं को बराबरी का दर्जा देना होगा। उन्हें दबाया नहीं जा सकेगा। यही हमारे देश की सोच और परंपरा है।

फ्रांस में 1977 एक नियम बनाया गया था। इसके तहत चार मुस्लिम देशों को यह मंजूरी दी गई थी कि वो अपने इमाम फ्रांस भेज सकते हैं। इनको मजहब और इस्लामिक कल्चर से जुड़ीं जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं। हालांकि, नई कमेटी पर अभी से सवालिया निशान लगने लगे हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू हैम्पशायर में पॉलिटिकल साइंस की प्रोफेसर एलिजाबेथ कार्टर ने फॉक्स न्यूज से कहा- कुछ लोगों को लगता है कि क्या ये संस्था वास्तव में फ्रांस के मुस्लिमों को लीडरशिप दे पाएगी। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ये मानते हैं कि ये फ्रांस के मुसलमानों को कंट्रोल करने की साजिश है। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ये मान रहे हैं कि खुद मैक्रों फ्रांस के कट्टरपंथियों में अपना वोट बैंक बढ़ाना चाहते हैं।

फ्रांस में हालिया वक्त में कई आतंकी हमले हुए हैं और इनमें से ज्यादातर के जिम्मेदार दूसरे देशों से कानूनी और गैर कानूनी तौर पर आए लोग शामिल रहे हैं। 2015 में यहां आतंकी हमले में 130 लोग मारे गए थे और 500 घायल हुए थे। एक अनुमान के मुताबिक- आतंकी संगठन ISIS में फ्रेंच मूल के करीब 1910 लोग शामिल हुए थे।

हिजाब भी मंजूर नहीं

अगस्त 2023 में फ्रांस सरकार ने सरकारी स्कूलों में इस्लाम से जुड़ी पोशाक पहनने पर रोक लगा दी थी। इसका काफी विरोध हुआ था और कहा गया था कि ये मुस्लिमों की पहचान खत्म करने की साजिश है। इसके अलावा मस्जिदों और मुस्लिम एसोसिएशन की कथित निगरानी का मामला भी काफी विवादों में रहा था।

फ्रांस ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टेटेटिक्स एंड इकोनॉमिक स्टडीज डिपार्टमेंट’ के मुताबिक, शहरी इलाकों में मुस्लिमों की आबादी करीब 10% है। पश्चिमी यूरोप में मुस्लिमों की सबसे ज्यादा जनसंख्या भी फ्रांस में ही है।

जर्मनी और फ्रांस दोनों ने यह तय किया है कि मजहबी मामलों में अब दूसरे देशों का दखल खत्म किया जाएगा। जर्मन सरकार ने 2 जनवरी 2024 को ऐलान किया था कि अब हर साल 100 इमाम जर्मनी में ट्रेंड होंगे। अब तक ये तुर्किये से ट्रेनिंग लेकर आते थे। जर्मनी में करीब 900 मस्जिदें हैं और सभी के इमाम या तो तुर्किये से आए हैं या इन्होंने मजहबी शिक्षा वहां हासिल की है। फ्रांस में मौजूद इमाम अल्जीरिया, तुर्किये और मोरक्को से आए हैं।

फंडिंग की जांच

फ्रांस में धार्मिक स्थानों को मिलने वाली फंडिंग की भी जांच भी होती है। आतंकवाद और कट्‌टरपंथ की फ्रांसीसी वॉच लिस्ट के मुताबिक- कुछ धार्मिक जगहों में शिक्षा के नाम पर कट्‌टरपंथी सोच को बढ़ावा देने की रिपोर्ट्स के बाद यह फैसला लिया गया था। 2020 में फ्रांस सरकार ने जांच के लिए 2,450 मस्जिदों की लिस्ट बनाई थी।

फ्रांस की होम मिनिस्ट्री का मानना है कि रूस सहित पूर्वी यूरोप के देशों से शरण मांगने के नाम पर बड़ी संख्या में लोग फ्रांस में बस रहे हैं। ये फ्रांस की डेमोक्रेसी का गलत फायदा उठाकर कट्‌टरपंथ को बढ़ावा देते हैं।

फ्रांस ने 2017 से 2021 के दौरान सात लाख लोगों को शरण दी थी। इनमें से छह लाख पाकिस्तान, सीरिया, लीबिया, मोरक्को, और क्रोएशिया के थे। अब सरकार ने शरण मांगने वालों की तादाद 75 हजार कर दी है।

फ्रांस ने 2004 में स्कूलों में हेडस्कार्फ पहनने पर और 2010 में सार्वजनिक रूप से पूरे चेहरे के नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया था। फ्रांस के सरकारी स्कूलों में बड़े क्रॉस, यहूदी किप्पा और इस्लामी हेडस्कार्फ पहनने की इजाजत भी नहीं हैं।

2019 में फ्रांस की कुल जनसंख्या करीब 6.7 करोड़ थी। इसमें करीब 65 लाख मुस्लिम थे। 1977 में फ्रांस ने 4 देशों से एक समझौता किया था। करार के मुताबिक, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को और तुर्किये फ्रांस में इमाम यहां भेज सकते थे। अब यह व्यवस्था खत्म कर दी गई है।



अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 29 November 2024
वॉशिंगटन: अमेरिका में इस हफ्ते थैंक्सगिविन की छुट्टियों के दौरान लाखों लोग हवाई यात्रा कर रहे हैं। ऐसे में कुछ लोग अपनी यात्रा को ज्यादा मनोरंजक बनाने के लिए आसान ट्रैवेल…
 29 November 2024
मेलबर्न: आस्ट्रेलियाई सीनेट ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने वाला विधेयक बृहस्पतिवार का पारित कर दिया। दुनिया में यह इस…
 29 November 2024
इस्लामाबाद: पाकिस्तान एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता के भंवर में फंस गया है। राजधानी इस्लामाबाद में लॉकडाउन, पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर देना और शूट एट साइट के ऑर्डर…
 29 November 2024
दमिश्क: लेबनान में हिजबुल्लाह की कमर टूटने के बाद अब ईरान को सीरिया में बड़ा झटका लगा है। इजरायल के अभियान के बाद सीरिया में ईरान समर्थित असद सरकार के खिलाफ…
 29 November 2024
सीरिया में विद्रोही गुटों के हमले में बुधवार को 89 लोग मारे गए। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये पिछले 4 साल में विद्रोहियों की तरफ से किया गया…
 29 November 2024
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। CNN के मुताबिक पुतिन ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव जीतकर ट्रम्प…
 29 November 2024
इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) ने धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण प्रभु दास को लेकर अपना रुख साफ किया है। इस्कॉन ने शुक्रवार रात सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा…
 29 November 2024
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को संसद में बताया कि कनाडा के वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के ‘ऑडियो-वीडियो’ मैसेज पर निगरानी रखी जा रही थी और यह अभी…
 28 November 2024
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) के चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम खान ने म्यांमार के मिलिट्री लीडर मिन आंग ह्लाइंग के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अपील की है। मिन आंग पर…
Advt.