भोपाल । भारतीय जांच एजेंसी की आंख में धुल झोंकने के लिए बांग्लादेशी तस्कर विजय दत्त उर्फ मामनूर उर्फ मामून ईमो एप से कालिंग करता था। इस ऐप से जांच एजेंसी काल डिटेल-रिकार्ड नहीं कर सकती थी । बांग्लादेश से लड़कियां खरीदने और बेचने के लिए तस्कर इसी ऐप का इस्तेमाल करता था ताकि जांच एजेंसियां न उसकी काल डिटेल निकाल सके और न ही काल रिकार्ड कर पाएं। तेज दिमाग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह मोबाइल नंबर सार्वजनिक होने पर सिम व फोन दोनों बदल लेता था।
विजय नगर थाना टीआई तहजीब काजी के मुताबिक विजय उर्फ मामून से कईं सिम बरामद हुई हैं। इस संबंध में पूछताछ की तो बताया कि मोबाइल का कम ही उपयोग करता था। लड़कियों से सीधे कम ही बात करता था। दलाल या उसकी प्रेमिकाएं ही डील करती थी। नंबर सार्वजनिक होने पर सिम और फोन बदल देता था। उसने यह भी बताया कि बांग्लादेश में वाट्सएप की तरह ईमो एप चलता है।
सामान्य काल और वीडियो काल ईमो एप के माध्यम से ही करता था ताकि पुलिस व जांच एजेंसी उसका रिकार्ड न निकाल सके। टीआई के मुताबिक आपरेशन की निगरानी आइजी हरिनारायणाचारी मिश्र कर रहे थे। एसआई प्रियंका शर्मा, प्रआ भरत आरक्षक कुलदीप, उत्कर्ष की टीम गठित कर विजय के अड्डे नाला सुपारा भेजी।
फर्जी आइडी के जरिए नाला सुपारा में कमरा लिया और खबर फैलाई की बाहरी एजेंट एक लड़की लेकर आए है जिसे बेचना है। दलालों ने विजय को लड़की (एसआई) के बारे में बता दिया लेकिन उसने सीधे मिलने से इन्कार कर दिया। भरत ने बांग्ला बोलने वाले एक भेदिए की मदद से विजय का घर तलाशा और छापा मार दिया। हालांकि वह फरार हो गया और सीधे इंदौर आ गया।