भोपाल । भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के प्रबंधन अब कर्मचारियों के प्रति सख्ती बरतने जा रहा है। भेल प्रबंधन ने देरी से आने वाले कर्मचारियों का हाफ-डे लगाने का फैसला लिया है। कारखाना प्रबंधन ने उत्पादन लक्ष्य को सही समय पर पूरा करने व गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अपने कार्यस्थल पर सही समय पर पहुंचने पर जोर डालते हुए सभी कर्मचारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
नए निर्देशों के मुताबिक अब कार्यस्थल पर देरी से आने वाले कार्यपालकों, पर्यवेक्षकों एवं गैर-औद्योगिक कर्मचारी के अवकाश में कटौती की जाएगी। प्रथम पाली अथवा सामान्य पाली में देर से आने पर उसी दिन हाफ-डे की आकस्मिक कटौती की जाएगी। इसी तरह हर वेतन माह में किसी भी पाली में तीन बार 15 मिनट से अधिक की देरी से आने उदाहरण के तौर पर प्रथम पानी में सुबह 7:15 मिनट के बाद अथवा सामान्य पाली में सुबह 8:15 मिनट के आने पर हाफ डे आकस्मिक अवकाश की कटौती की जाएगी।
इससे अधिक सात बार देर से आने इसी अनुपात में अवकाश की कटौती होगी। जैसे एक माह में एक दिन के अर्जित अवकाश की कटौती की जाएगी। बड़ी बात यह है कि वेतन माह में की गई कटौती किसी भी स्थिति में वापिस नहीं होगी। यूनियनों का कहना है कि अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है।
यदि भेल कारखाने में फिर से कोरोना फैल गया और जिसका कारण बायोमेट्रिक सिस्टम बना तो प्रबंधन यूनयिनों का विरोध सहन करने के लिए तैयार हो जाए।बता दें कि भेल कारखाने में प्रवेश व ड्यूटी करने के लिए कर्मचारियों को बायोमेट्रिक सिस्टम फिर शुरू कर दिया है। कोरोना के कारण भेल की तीनों प्रतिनिधि यूनियनें राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस, भारतीय मजदूर संघ व आल इंडिया भेल एम्प्लोई यूनियन बायोमेट्रिक सिस्टम का विरोध कर रही हैं।