सतना: देश भर में एक तरफ जहां दीवाली की धूम है तो वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की हाल ही में गठित प्रदेश कांग्रेस कमेटी में उठे विवादों के धमाके भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लंबे अरसे के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने नई कार्यकारिणी का ऐलान किया। पर कांग्रेस की नई टीम घोषित होने के बाद नेताओं के इस्तीफे का सिलसिला शुरू हो गया है। कार्यकारिणी में जगह पाने वाले कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इसी तरह रैगांव की पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने भी किनारा कर लिया है।
दरअसल, एमपी कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के ऐलान के बाद से ही कांग्रेस के कई दिग्गज नेता नाराज चल रहे हैं। इसीलिए कार्यकारिणी का गठन होते ही नेताओं के इस्तीफे का दौर शुरू हो गया था। पद न पाने वालों के साथ पद पाने वालों ने भी अपना इस्तीफा दिया है।
इस्तीफे की आग पहुंची सतना
इस्तीफों के इसी माहौल के बीच रैगांव विधानसभा की पूर्व विधायक कल्पना वर्मा भी पार्टी से किनारा करते नजर आ रही है। पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हाल ही में नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन किया था। कार्यकारिणी के गठन होने के बाद से ही भोपाल और इंदौर के पदाधिकारीयों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया था। जिसका असर अब सतना जिला तक पहुंच गया है।
पद किसी कर्मठ कार्यकर्ता को मिले- पूर्व विधायक कल्पना वर्मा
वहीं रैगांव विधानसभा की पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के नाम एक पत्र लिखा है। प्रदेश अध्यक्ष को लिखे इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि मुझे प्रदेश सचिव का दायित्व सौंपा गया है। मैं पूर्व में संगठन में विभिन्न पदों पर रह चुकी हूं। तथा रैगांव गांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुकी हूं। इसलिए मेरा मानना है कि प्रदेश सचिव का पद मेरी विधानसभा के किसी कर्मठ कार्यकर्ता को दिया जाना चाहिए जो वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहा हो।क्या होगा जीतू पटवारी का एक्शन
पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने अब तक पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। मगर उनके इस पत्र से यह साफ नजर आ रहा है कि वह इस पद को स्वीकारना नहीं चाहती थी। अब देखना यह होगा कि इस्तीफों के इस दौर के बाद पार्टी का क्या निर्णय होता है। वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर जीतू पटवारी का क्या एक्शन देखने को मिलता है।