मुंबई । केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 का बजट एक चौथाई सदी के सतत विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने मांग पक्ष की तुलना में आपूर्ति-पक्ष पर अधिक ध्यान देने की आलोचना पर भी ध्यान नहीं देने का अनुरोध किया। सरकार ने एक फरवरी को बिना कर वृद्धि के बजट पेश किया। इस बजट में किसी प्रकार का कोई नया राजस्व सृजन उपाय नहीं किया गया है।
हालांकि बजट में पूंजीगत व्यय को 35 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री गोयल ने बीएसई की तरफ से बजट के बाद उद्योग प्रतिनिधियों के लिए आयोजित एक चर्चा में कहा कि मैं उद्योग के एक वर्ग की इस आलोचना से हैरान हूं कि बजट आपूर्ति-पक्ष पर केंद्रित है, जबकि मांग को बढ़ावा देना ज्यादा जरूरी था। तथ्य यह है कि यह एक दिशा निर्धारित करने वाला बजट है। इसमें अर्थव्यवस्था को त्रस्त करने वाले व्यापक एवं सूक्ष्म मुद्दों पर भी स्पष्ट ध्यान दिया गया है।
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के भी मंत्री गोयल ने कहा कि बिहार के पटना से गुवाहाटी के पांडु तक अंतर्देशीय जलमार्ग के माध्यम से जहाज पर खाद्यान्न की आवाजाही देश के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों को जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। गोयल ने पटना से पांडु तक खाद्यान्न ले जाने वाले जहाज एमवी लाल बहादुर शास्त्री को हरी झंडी दिखाने और कालूघाट (बिहार) में टर्मिनल के लिए आधारशिला रखने के दौरान यह बात कही। मीणा ने आगे कहा कि वैश्विक संकेतक भी स्पष्ट नहीं हैं। भू-राजनीतिक स्थिति महत्वपूर्ण है, जबकि कच्चे तेल के दाम बढ़ना हमारे लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि एफआईआई अभी भी बिकवाली के मूड में हैं। उनका रुख भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विश्लेषकों ने कहा कि पिछले सप्ताह के शुरुआती दिनों में बाजार में तेजी उम्मीदों के अनुरूप थी।