पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर के चोपड़ा में महिला को सड़क पर पीटे जाने के मामले में गवर्नर आनंद बोस ने सोमवार (1 जुलाई) को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से रिपोर्ट मांगी है।
राज भवन के अधिकारी ने बताया कि बोस फिलहाल दिल्ली में हैं। वे मंगलवार को चोपड़ा पहुंचकर पीड़ित से मिलेंगे। वे महिला से मुलाकात करने के बाद फिर दिल्ली जाएंगे और केंद्र सरकार को घटना की रिपोर्ट सौंपेंगे।
वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी सोमवार को मामले पर संज्ञान लिया है। आयोग ने ममता सरकार और पश्चिम बंगाल के DGP को नोटिस जारी किया है। NHRC ने डायरेक्टर जनरल (इन्वेस्टिगेशन) से तुरंत एक टीम का गठन कर उसे उत्तरी दिनाजपुर के चोपड़ा भेजने के लिए कहा है।
NHRC ने कहा है, 'घटना का मुख्य अपराधी कथित रूप से पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी से जुड़ा है। महिला को पीटे जाने के वायरल वीडियो में उसे साफ देखा जा सकता है। टीम का नेतृत्व सीनियर SP रैंक का अधिकारी करे और घटना की रिपोर्ट जल्द से जल्द कमीशन तक पहुंचाए।'
वहीं, पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोमवार को कहा कि, 'इस मामले को लेकर फेक न्यूज फैलाई जा रही है। कुछ लोग घटना को राजनीतिक रंग देना चाह रहे हैं। सच तो यह है कि घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने तुरंत अपराधी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई है।'
BJP बोली, आरोपी TMC विधायक का करीबी
BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने X पर पोस्ट कर कहा, 'ममता बनर्जी को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। पश्चिम बंगाल में मौजूदा राज्य सरकार के कार्यकाल में बंगाल के लोग सुरक्षित नहीं हैं। संदेशखाली हो या उत्तर दिनाजपुर, दीदी का बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है।'
वहीं, पश्चिम बंगाल में BJP के को-इंचार्ज अमित मालवीय ने आरोप लगाया, 'वीडियो में महिला को बेरहमी से पीट रहा व्यक्ति ताजेमुल है। वह अपनी 'इंसाफ सभा' के जरिए 'तुरंत न्याय' देने के लिए जाना जाता है। वह चोपड़ा विधायक हमीदुर रहमान का करीबी है। भारत को अब TMC सरकार वाले पश्चिम बंगाल में शरिया अदालतों की असलियत को देख लेना चाहिए।'
कांग्रेस ने कहा, TMC ने अधिकतम सीटें जीतीं, फिर हिंसा क्यों
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, 'चाहे महिलाओं की जाति कोई भी हो, उन पर हमले अस्वीकार्य हैं। चुनाव हो चुके हैं, परिणाम सामने आ चुके हैं। सत्ताधारी पार्टी ने राज्य में अधिकतम सीटें जीती हैं, तो फिर सरकार राज्य में हिंसा का सहारा क्यों ले रही है? देश में कहीं भी चुनाव के बाद बंगाल जैसे मामले नहीं होते हैं। किसी को भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने का अधिकार नहीं है।'
CPI(M) के राज्य सचिव और पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम ने रविवार को इस वीडियो को शेयर कर लिखा कि, 'यह कंगारू कोर्ट से भी बदतर है। तृणमूल कांग्रेस का गुंडा, जिसे JCB के नाम से जाना जाता है, वह खुद मौके पर सुनवाई करके सजा दे देता है। यह ममता के शासन में चोपड़ा में 'बुलडोजर न्याय' का उदाहरण है।'
सलीम ने यह भी कहा कि, 'जिसने वीडियो शूट किया था, उसे अब उसके घर से निकाल दिया गया है। चोपड़ा में बंगाल पुलिस की निगरानी में तृणमूल ऐसे शासन कर रही है। ताजेमुल स्थानीय लेफ्ट नेता मंसूर आलम की हत्या के मामले में भी आरोपी है।'
TMC विधायक बोले, हमारे 'मुस्लिम राष्ट्र' के कुछ नियम हैं
TMC विधायक हमीदुल रहमान ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'हमारे मुस्लिम राष्ट्र के कुछ नियम हैं। महिला के साथ इन नियमों के मुताबिक बर्ताव किया गया है। वह अवैध संबंध में थी, उसका कैरेक्टर सही नहीं था और वह समाज को खराब कर रही थी।'
TMC नेता शांतनु सेन ने कहा कि, 'राज्य सरकार इस घटना को लेकर कदम उठा रही है। हम ऐसी घटनाओं को सपोर्ट नहीं करते हैं। पीड़ितों को सिक्योरिटी मुहैया कराई गई है। अगर कोई भी घटना में शामिल होगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।'
इसके पहले 27 जून को भाजपा ने TMC पर आरोप लगाया था कि कूच बिहार जिले में पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की महिला पदाधिकारी रोशोनारा खातून को घर से खींचकर सड़क पर घसीटा गया और निर्वस्त्र कर पीटा गया। TMC के गुंडों ने गोखसदांगा में उनकी पिटाई की और सार्वजनिक रूप से उनके कपड़े फाड़ दिए।
महिला नेता को एमजेएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीड़ित महिला ने बताया- 'TMC की महिलाओं ने उन्हें निर्वस्त्र कर दिया और पानी में डुबाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर TMC में नहीं शामिल हुई तो और प्रताड़ित किया जाएगा। मैं बेहोश हुई तो छोड़ दिया गया। पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर रही।
बंगाल गवर्नर ने ममता के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया, कहा- उन्होंने गलत टिप्पणी की
देश में पहली बार राज्यपाल ने CM पर मानहानि का केस किया है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को CM ममता बनर्जी और TMC के कुछ नेताओं के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में यह केस किया। एक दिन पहले ममता ने कहा था कि महिलाओं ने उनसे शिकायत की है कि वे राजभवन की गतिविधियों की वजह से वहां जाने से डरती हैं।