देश में कैश अभी भी पेमेंट का सबसे पसंदीदा तरीका बना हुआ है और इसका इस्तेमाल रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है।
8 अक्टूबर को खत्म पखवाड़े (14 दिन की अवधि) में लोगों के पास कैश बढ़कर 28.30 लाख करोड़ रुपए हो गया। यह नोटबंदी से पहले 4 नवंबर 2016 को 17.97 लाख करोड़ रुपए था। यानी करीब पांच साल में लोगों के पास कैश 57.48% बढ़ा है।
8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार ने 500 और 1,000 रुपए के नोटों को बंद कर दिया था। बाद में 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए गए।
नोटबंदी के बाद से सरकार लगातार सिस्टम से कैश घटाने के लिए डिजिटल पेमेंट को प्रमोट कर रही है। यूपीआई जैसे पेमेंट के साधनों को बढ़ावा दिया जा रहा है।