सतना | जिले में चल रहे नवरात्रि एवं आने वाले त्यौहार दशहरा, मिलाद-उन-नवी और गुरुनानक जयंती सहित सभी पर्व शांति, सद्भाव के साथ कोविड प्रोटोकाल एवं राज्य शासन के निर्देशों के अनुरूप मनाए जाएं। इस आशय की अपील मंगलवार को पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह की उपस्थिति में संपन्न शांति समिति की बैठक में की गई। इस मौके पर शांति समिति के सदस्य तथा नगर निगम, लोक निर्माण, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
शांति समिति की बैठक में पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने गृह मंत्रालय राज्य शासन के कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी में बताया कि धार्मिक एवं सामाजिक आयोजन में चल रहे समारोह प्रतिबंधित हैं।
इसी प्रकार धार्मिक, पूजा स्थल की क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तक श्रद्धालु और अनुयायी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग के प्रोटोकाल के साथ उपस्थित रह सकेंगे। रावण दहन के पूर्व परंपरागत श्री राम का चल समारोह प्रतीकात्मक रूप से हो सकेगा। रावण दहन का वृहद आयोजन, मेला स्वरूप की अनुमति और चल समारोह की अनुमति नहीं दी जाएगी।
रामलीला और रावण दहन के कार्यक्रम खुले मैदान में फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की शर्त पर आयोजन समिति द्वारा पूर्वानुमति लेकर किए जा सकेंगे। रामलीला हाल या मैदान की क्षमता के 50 प्रतिशत सीमा तक ही दर्शक शामिल हो सकेंगे। पूरे प्रदेश में समस्त नगरीय क्षेत्रों में रात्रि 11 बजे से प्रातः 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा।
अनुमति प्राप्त आयोजनों, समारोह में डीजे, बैंड-बाजे की सर्वोच्च न्यायालय के जारी आदेशों के अधीन रात्रि 10 बजे तक उपयोग की अनुमति होगी। लोकसभा-विधानसभा उप निर्वाचन से संबंधित प्रदेश के 8 जिलों में भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश और आचार संहिता प्रभावशील रहेगी।
सामाजिक धार्मिक आयोजन के लिए चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी। इसी प्रकार विसर्जन के लिए सामूहिक चल समारोह की अनुमति नहीं दी जाएगी। मूर्तियों का विसर्जन सुरक्षित रूप से निर्धारित स्थलों पर ही किया जाएगा। त्योहारों के दिन धार्मिक स्थलों एवं आयोजन स्थल पर नगर निगम द्वारा साफ-सफाई पेयजल फायर ब्रिगेड तथा विद्युत वितरण कंपनी एवं एंबुलेंस में स्टाफ के साथ ही चिकित्सालय में आवश्यक व्यवस्था की जाएगी।